PM Modi: लखपति दीदी योजना के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, महाराष्ट्र की परंपराएं सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फैली हुई हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलगांव में लखपति दीदी योजना में शामिल हुए। कार्यक्रम में उन्होंने 11 लाख लखपति दीदियों को प्रमाण पत्र वितरित किये।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) रविवार (25 अगस्त) को जलगांव (Jalgaon) में हैं। पीएम मोदी लखपति दीदी योजना (Lakhpati Didi Scheme) कार्यक्रम के लिए जलगांव आए हैं। इस कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उप-मुख्यमंत्री अजित पवार भी मौजूद थे। अपने भाषण की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने देव दर्शन के लिए नेपाल गए जलगांव त्रासदी के पीड़ितों की मौत पर दुख जताया।

इस अवसर पर मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र की परंपराएं सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फैली हुई हैं। पोलैंड में कोल्हापुर स्मारक बनाया गया है। पोलैंड के लोगों ने कोल्हापुर के लोगों के सम्मान में यह स्मारक बनाया है। महाराष्ट्र के लोगों को वहां सेवा सुनने को मिली। पीएम मोदी ने कहा, “मुझे उस समय गर्व हुआ।”

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गांव की पूरी अर्थव्यवस्था बदल रही है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “लखपति दीदी बनाने का यह अभियान सिर्फ बहनों-बेटियों की आय बढ़ाने का अभियान नहीं है। यह पूरे परिवार को, आने वाली पीढ़ियों को सशक्त बनाने का एक बहुत बड़ा अभियान है। इससे गांव की पूरी अर्थव्यवस्था बदल रही है। यहां मौजूद बहनें-बेटियां जानती हैं कि जब वे काम करना शुरू करती हैं, तो उनके अधिकारों का दायरा बढ़ जाता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “जब मैं लोकसभा चुनाव के दौरान आपके पास आया था, तो मैंने कहा था कि हमें 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाना है। इसका मतलब है कि जो महिलाएं स्वयं सहायता समूहों में काम करती हैं और उनकी सालाना आय एक लाख रुपये से ज्यादा है। पिछले 10 साल में एक करोड़ लखपति दीदी बनीं और सिर्फ दो महीने में 11 लाख और लखपति दीदी एक करोड़ बन गईं।”

क्या है लखपति दीदी योजना?
दरअसल, मोदी सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लखपति दीदी योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत सरकार पात्र महिलाओं को 1 से 5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओं का स्वयं सहायता समूहों से जुड़ा होना जरूरी है। इस समय देशभर में करीब 83 लाख स्वयं सहायता समूहों से 9 करोड़ महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इसके बाद सरकार महिलाओं को वित्तीय और कौशल विकास प्रशिक्षण देती है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

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