Year 2024: काशी के धार्मिक पर्यटन को मिली नई उड़ान, ‘इतने’ करोड़ भक्तों ने लगाई दरबार में हाजिरी

वर्ष 2024 के अलविदा होने में 48 घंटे से भी कम समय बचा है। खट्टी-मीठी सुनहरी यादों के साथ यह साल इतिहास बन बस यादों में रह जाएगा।

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Year 2024: वर्ष 2024 के अलविदा होने में 48 घंटे से भी कम समय बचा है। खट्टी-मीठी सुनहरी यादों के साथ यह साल इतिहास बन बस यादों में रह जाएगा। जिले में नए वर्ष 2025 का नई उम्मीदों और नए लक्ष्यों के साथ स्वागत करने की तैयारी आम से लेकर खास लोग भी कर रहे हैं। वर्ष 2024 ने काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी को देश और दुनिया में एक नई ऊंचाई दी।

वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल, परिवहन और पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विकास की फिर इस वर्ष नई इबारत लिखी गई। प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर करखियावं में 622 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित दुग्ध प्रसंस्करण इकाई ने आसपास के जिलों में डेयरी व्यवसाय से जुड़े लोगों को बड़ी सहूलियत दी। साथ ही, कचरे से चारकोल बनाने वाले प्लांट की शुरुआत भी हुईं । औसतन हर तीसरे महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र काशी आते रहते हैं। और विकास परियोजनाओं की सौगात देते है।

रामलला के भव्यतम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह
बात करें वर्ष 2024 की शुरुआत की तो जनवरी माह में राम नगरी अयोध्या में रामलला के भव्यतम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर लोगों में गजब का उत्साह दिखा। समारोह का निमंत्रण बड़े पैमाने पर समारोह के अंदाज में वितरित किया गया। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसकी अनुषांगिक इकाइयों के साथ विश्व हिन्दू परिषद और आम लोगों ने भी तन—मन —धन से भागीदारी की। फिर लोकसभा चुनाव का दौर आया। चुनाव में काशी ने अपने सांसद नरेन्द्र मोदी को हैट्रिक जीत से नवाजा। इस जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी आए और अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों का आभार जताया। प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा 2014 से मैं लोगों के सपनों को साकार करने और गरीब से गरीब को सशक्त बनाने का संकल्प लेकर काशी गया था। बीते दस वर्षों में काशी का कायाकल्प करने के लिए हमने अलग—अलग सेक्टर में तेज प्रगति की। विकास के इस चौतरफा प्रयास में आगे भी कोई कोर कसर बाकी नहीं रखूंगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने काशी को दिया बड़ा उपहार
दीपावली के पहले 20 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी को कुल 3254.03 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी। इसमें स्पोटर्स कांपलेक्स, सिगरा का पुनर्विकास – 216.29 करोड़,सारनाथ में पर्यटन पुनर्विकास कार्य – 90.20 करोड़,सीपेट परिसर, करसड़ा में छात्रावास का निर्माण – 13.78 करोड़,डॉ. भीमराव आंबेडकर स्पोटर्स स्टेडियम, छात्रावास व पवेलियन का निर्माण – 12.99 करोड़,शहर में 20 पार्कों के सुंदरीकरण व पुनर्विकास कार्य – 7.85 करोड़,आईटीआई चौकाघाट, आईटीआई करौंदी में हाईटेक लैब निर्माण – 7.08 करोड़,सेंट्रल जेल, वाराणसी में बैरकों का निर्माण कार्य – 6.67 करोड़,सीपेट परिसर, करसड़ा में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र निर्माण – 6.00 करोड़,बाणासुर मंदिर, गुरुधाम मंदिर में पर्यटन विकास कार्य – 6.02 करोड़,सेंट्रल जेल, 48 कर्मचारी आवास का निर्माण कार्य – 5.16 करोड़,टाउन हाल शापिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कार्य – 2.51 करोड़,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भरथरा में आवासीय भवनों का निर्माण – 2.16 करोड़,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चिरईगांव का निर्माण कार्य – 1.93 करोड़,ककरमत्ता फ्लाईओवर के नीचे एक्टिविटी जोन, पार्किंग का निर्माण – 1.49 करोड़,बाबतपुर एयरपोर्ट का विस्तारीकरण, टर्मिनल भवन का निर्माण कस्तूरबा गांधी विद्यालय, आराजीलाइन में शैक्षणिक ब्लॉक व गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण आदि रहा। इसी वर्ष राजघाट स्थित बहुप्रतीक्षित नए गंगा ब्रिज (मालवीय पुल) और काशी रेलवे स्टेशन को पुनर्विकसित करने की परियोजना को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है।

सिक्स लेन का सिग्नेचर ब्रिज
बिहार की राजधानी पटना के बाद वाराणसी में बनने वाला यह सिग्नेचर ब्रिज सिक्स लेन का होगा। ट्रेनों के लिए नीचे चार ट्रैक बिछाए जाएंगे। इस ट्रैक पर 100 किलोमीटर से ज्यादा रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी। नए पुल की सिक्स लेन सड़क वाराणसी से चंदौली, बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल तक की राह आसान करेगी। केन्द्र सरकार ने वाराणसी-पं.दीन दयाल उपाध्याय मल्टीट्रैकिंग के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 2,642 करोड़ रुपये (लगभग) है और यह चार वर्षों में पूरी होगी। यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो इस क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को आत्मनिर्भर बनाएगी।

इन महापुरुषों का निधन
वर्ष के नवम्बर माह में शहर ने पूर्व विधायक श्यामदेव राय चौधरी ‘दादा’को खो दिया। वाराणसी शहर दक्षिणी से सात बार विधायक और पूर्व मंत्री रहे श्यामदेव राय चौधरी का 26 नवम्बर को निधन हो गया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी का 26 जून को निधन हो गया। अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य आचार्य पं.लक्ष्मीकांत दीक्षित का 22 जून को निधन हो गया।

योगी सरकार ने भी नए मेडिकल कॉलेज का दिया उपहार
वर्ष 2024 के फरवरी माह में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने बजट में वाराणसी में बीएचयू के बाद एक और मेडिकल काॅलेज के निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। वाराणसी जिले में मानसिक अस्पताल पांडेयपुर के पीछे यह नया मेडिकल कॉलेज बनने की तैयारी में है। इस मेडिकल कॉलेज से वाराणसी और आसपास के जिलों से आने वाले मरीजों के लिए जांच और इलाज की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। यहां ओपीडी चलाए जाने के साथ ही मरीजों को भर्ती करने सहित सुपरस्पेशियलिटी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ भी लोगों को मिलेगा। इससे सरकारी अस्पताल में इंट्रीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब के निर्माण की पहल से लाखों लोगों को सहूलियत होगी। वाराणसी की परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने 100 करोड़ रुपये रोपवे सेवा के लिए भी दिया। इसी वर्ष आईएमएस बीएचयू में एम्स जैसी सुविधाओं की शुरुआत हुई। बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में 150 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट बनाने का काम शुरू हुआ। बुजुर्ग मरीजों के लिए 200 बेड का जीरियाट्रिक सेंटर तैयार हो रहा है।

डायलिसिस और ब्लड बैंक सुविधाएं
योगी सरकार की पहल पर इसी वर्ष चौकाघाट और दुर्गाकुंड स्थित शहरी सीएचसी में 6-6 बेड के डायलिसिस सेंटर शुरू हुए। कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में नई एफेरेसिस मशीन लगाई गई, जिससे डेंगू मरीजों को सिंगल डोनर प्लेटलेट आसानी से मिल सके। 2024 में ही केन्द्र सरकार से वाराणसी को 05 वंदे भारत ट्रेनों की सौगात मिली। इसी क्रम में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के सख्त रूख पर 45 अरब 480 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति भू—माफियाओं के कब्जे से मुक्त हुई। इस वर्ष भी काशी विश्वनाथ धाम से धार्मिक पर्यटन को फिर नई उड़ान मिली। मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने रिकार्डतोड़ चढ़ावा दिया। वर्ष 2024 के 13 दिसम्बर तक 19 करोड़,12 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दरबार में दर्शन पूजन किया।

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नवम्बर माह में पारिवारिक रिश्तों पर हमला
धर्म नगरी काशी के लिए साल 2024 जहां उपलब्धियों से भरा रहा। वहीं, न भूलने वाले अपराधिक घटनाओं के लिए भी याद की जाएगी। नवम्बर में भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी में गुप्ता परिवार के पांच लोगों की गोली मार कर निर्मम हत्या कर दी गई। भदैनी में स्थित एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल पर महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला था। जबकि घटनास्थल से लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर रोहनिया स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति का अर्धनग्न शव बेड पर मिला। उसे भी गोली मारी गई थी। पांचों की कनपटी और सीने में गोली मारी गई थी। इस सामूहिक हत्याकांड में परिवार के ही सदस्य विक्की गुप्ता का नाम सामने आया। पुलिस के लाख प्रयास के बावजूद विक्की का अब तक पता नहीं लग सका है। काशी नगरी में दिसम्बर माह के अन्तिम सप्ताह में एक और हृदय विदारक घटना हुई। रामनगर के सूजाबाद में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म में असफल होने पर इंसानियत को शर्मसार करने वाले दरिंदे ने उसकी निर्मम हत्या कर दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाही कर आरोपी को मुठभेड़ में दबोच लिया। साल 2024 के आखिरी दिसम्बर माह में रिश्तों को कलंकित करने की एक और घटना हुई जिसे लोग जल्दी भूल नही पाएंगे। 86 वर्षीय लेखक व पुराणों का अनुवाद करने वाले एसएन खंडेलवाल का सारनाथ आशापुर स्थित अस्पताल में बीते शनिवार को उपचार के दौरान निधन हो गया। उनका अन्तिम संस्कार करने के लिए बेटा—बेटी ने समय नहीं दिया और न ही आए। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने यह भूमिका निभाई। इसे लेकर सोशल मीडिया में भी लोग नाराजगी जताते रहे। उनके पास 80 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति रही। जिस पर बेटा-बेटी काबिज होने के बाद उन्हें घर से निकाल दिया था। वह हिरामनपुर स्थित काशी कुष्ठ सेवा संघ आश्रम में रहते थे।

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