भारत ने तीस्ता पर ओएचसीएचआर की टिप्पणी को किया खारिज, करारा जवाब देकर कर दी बोलती बंद

तीस्ता सीतलवाड़ और दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के संबंध में ओएचसीएचआर ने टिप्पणी की थी।

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भारत ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर टिप्पणी करने वाले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) की टिप्पणियों को पूरी तरह से अस्वीकार्य और भ्रामक बताया है।

तीस्ता सीतलवाड़ और दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के संबंध में ओएचसीएचआर ने टिप्पणी की थी। इस पर मीडिया के सवालों का विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 29 जुन को जवाब दिया है। इसमें प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ओएचसीएचआर की टिप्पणी पूरी तरह से अनुचित है और भारत की स्वतंत्र न्यायिक प्रणाली में हस्तक्षेप की तरह है। भारत प्रशासन स्थापित न्यायिक प्रक्रियाओं के अनुसार कड़ाई से कानून के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करते हैं।

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उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत मैरी लॉलर ने तीस्ता की गिरफ्तारी पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिए जाने की खबरों से वे चिंतित हैं। तीस्ता नफरत और भेदभाव के खिलाफ एक मजबूत आवाज हैं। मानवाधिकारों की रक्षा करना कोई अपराध नहीं है। वे उनकी रिहाई और भारत सरकार से उनके उत्पीड़न को रोकने का आह्वान करती हैं।

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