Ministry of External Affairs: केन्द्र सरकार(central government) ने पंजाब समेत देश की अन्य जेलों में बंद(Locked in other jails of the country including Punjab) पाकिस्तान के 14 कैदियों को सजा पूरी(completed their sentence) करने के बाद 6 सितंबर काे रिहा(released) कर दिया। इन पाकिस्तानी नागरिकाें काे अटारी-बाघा सीमा(Attari-Wagha border) पर पाकिस्तान भेजने के लिए सीमा के रेंजरों के हवाले कर दिया गया। इससे पहले बीएसएफ(BSF) के अधिकारियों ने इनकी जांच की और फिर पाक रेंजरों(Pak Rangers) से अपने नागरिकों की शिनाख्त की।
कड़ी सुरक्षा के बीच बाघा बार्डर भेजे गए पाकिस्तानी
भारत सरकार के फैसले के बाद विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कड़ी सुरक्षा के बीच सभी कैदियों को बाघा बार्डर पर भेजा। जहां पहले से ही उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे। इन कैदियों में से आठ कैदी गुजरात जेल से और छह कैदी अमृतसर जेल से रिहा हुए हैं।
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कैदियों में फिशरमैन और सिविल कैदी भी शामिल
केन्द्र सरकार की ओर से छोड़े गए 14 पाकिस्तानी कैदियों में से चार कैदियों को 15 साल पहले हेरोइन और पिस्टल बरामद होने के बाद गिरफ्तार किया गया था। रिहा पाकिस्तानी नागरिक अल्लाह बसाया मसीह ने बताया कि वो कसूर जिले का रहने वाला है। 15 साल पहले वह और उसके चार अन्य साथी बॉर्डर पर दो किलो हेरोइन और पिस्टल के साथ पकड़े गए थे। इस पर उसे 15 साल की सजा हुई थी। उसने बताया कि वो शादीशुदा है और तीन बच्चों का पिता है। भारत-पाक सीमा पर प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण मालवी के मुताबिक कैदियों में फिशरमैन और सिविल कैदी भी शामिल हैं। अमृतसर के कैदियों को पंजाब पुलिस लेकर आई है। उन्होंने बताया कि 14 में से 8 सिविल हैं और 6 फिशरमैन हैं। वहीं, इनमें से दो नाबालिग भी हैं।