केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कल “ब्रिक्स उद्योग मंत्रियों की सातवीं बैठक” में भाग लिया। यह बैठक दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में वर्चुअल रूप में आयोजित की गई थी। गोयल ने घोषणा करते हुए कहा कि भारत स्टार्टअप्स, निवेशकों, इन्क्यूबेटरों और आकांक्षी उद्यमियों के बीच सहयोग को सुविधाजनक बनाने और सर्वोत्तम तौर-तरीकें को साझा करने के लक्ष्य के साथ 2023 में ब्रिक्स स्टार्टअप फोरम का शुभारंभ करेगा।
भारत में हुए परिवर्तन पर प्रकाश डालते हुए पीयूष गोयल ने स्टार्टअप इंडिया पहल के विस्तार के बारे में भी चर्चा की, जिसके कारण देश में लगभग 1,00,000 स्टार्टअप का निर्माण हुआ है। मंत्री ने “उत्पादन प्रणालियों को बदलने” और भारत द्वारा अन्य ब्रिक्स सदस्यों तथा व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को दिए जाने वाले समर्थन पर ध्यान केंद्रित किया।
पीयूष गोयल ने “वसुधैव कुटुंबकम” (‘विश्व एक परिवार है’) के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया, जो एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक होने तथा अधिक समावेशी, सहिष्णु और परस्पर जुड़े विश्व की दिशा में काम करने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। अन्य ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के उद्योग मंत्रियों ने भी बैठक में भाग लिया और संयुक्त घोषणा को अंगीकार किया।
यह भी पढ़ें –सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में कहा, राहुल आप वीर सावरकर नहीं हो सकते
मंत्रियों ने ब्रिक्स देशों के बीच डिजिटलीकरण, औद्योगीकरण, नवाचार, समावेश और निवेश की आवश्यकता पर फिर से जोर दिया। उन्होंने सभी आर्थिक क्षेत्रों में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने के प्रति उद्योग 4.0 और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों के बढ़ते महत्व की पहचान की। घोषणा के माध्यम से ब्रिक्स सदस्यों ने मानव संसाधन विकास तथा कौशल को बेहतर बनाने तथा पुनः कौशल प्रदान करने से जुड़े कार्यक्रमों पर सहयोग के अवसरों की तलाश करने की आवश्यकता को स्वीकार किया।
मंत्रियों ने संयुक्त रूप से एक खुला, निष्पक्ष, जीवंत, सहनीय और गैर-भेदभावपूर्ण वातावरण बनाकर औद्योगिक सहयोग को और मजबूत करने तथा औद्योगिक अर्थव्यवस्था को पूर्व स्थिति में लाने और विकास में तेजी लाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
मंत्रियों ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की प्रमुख भूमिका और वैश्विक औद्योगिक श्रृंखलाओं, आपूर्ति श्रृंखलाओं और मूल्य श्रृंखलाओं में उनके एकीकरण और विविधीकरण के महत्व को रेखांकित किया। मंत्रियों ने महिलाओं, युवाओं और वंचित समूहों के स्वामित्व/प्रबंधित परियोजनाओं के समावेशी विकास के लिए ब्रिक्स देशों के बाजार में अवसरों को पैदा करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
यह भी पढ़ें – 15 अगस्त को प्रधानमंत्री का संबोधन सुनने आएंगे अमेरिकी सांसद, प्रतिनिधिमंडल में ये भारतवंशी भी शामिल
Join Our WhatsApp Community