चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) की सफलता के बाद अब भारत (India) ने सूरज (Sun) की ओर एक कदम बढ़ा दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) ने शनिवार (2 सितंबर) को अपना पहला सौर मिशन लॉन्च किया। आज सुबह 11.50 बजे श्रीहरिकोटा (Sriharikota) के लॉन्चिंग पैड से आदित्य एल-1 (Aditya L-1) ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी। इसकी उलटी गिनती कल से ही जारी है। इस मिशन को इसरो के सबसे भरोसेमंद PSLV रॉकेट (PSLV Rocket) के जरिए लॉन्च किया गया है। आदित्य एल-1 मिशन की लॉन्चिंग से पहले इसरो चीफ एस सोमनाथ समेत वैज्ञानिकों की पूरी टीम ने तिरुपति बालाजी मंदिर में मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना की।
सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य एल 1 की सफल उड़ान।
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चंद्रायन के बाद इसरो की दूसरी बड़ी कीर्ति।@isro @PMOIndia #AdityaL1Launch #AdityaL1 #ISRO pic.twitter.com/TM8mhBYem2— Hindusthan Post (@HindusthanPostH) September 2, 2023
सूर्य मिशन आदित्य एल-1 लॉन्च
इसरो का सूर्य मिशन आदित्य-एल1 आज सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष स्टेशन से लॉन्च किया गया। अब लॉन्चिंग के ठीक 125 दिन बाद यह अपने प्वाइंट L1 पर पहुंच जाएगा। इस बिंदु पर पहुंचने के बाद आदित्य-एल1 बेहद महत्वपूर्ण डेटा भेजना शुरू कर देगा।
पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलते ही पेलोड अलग
इसरो के आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को कवर करने वाला पेलोड पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलते ही अलग हो गया है। फिलहाल इसरो के मुताबिक तीसरे चरण को अलग कर दिया गया है।
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18 सितंबर तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा आदित्य-एल1
आदित्य-एल1 ले जाने वाला रॉकेट अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा में प्रक्षेपित करेगा। प्रक्षेपण से लेकर आदित्य-एल1 को रॉकेट से अलग करने की प्रक्रिया में एक घंटे से अधिक (लगभग 63 मिनट) का समय लगेगा। इसके बाद अगले 16 दिनों तक (18 सितंबर तक) आदित्य-एल1 पृथ्वी की कक्षा में घूमता रहेगा।
क्या करेगा आदित्य एल1?
इसरो का आदित्य-एल1 एल1 बिंदु तक पहुंचने वाला पहला सूर्य मिशन है। इस जगह की पृथ्वी से दूरी 15 लाख किलोमीटर है। आदित्य एल1 सूर्य की किरणों का अध्ययन करेगा और 5 साल 2 महीने तक यहां रहेगा। इस काम पर 378 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
उल्लेखनीय है कि सूर्य पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा है। अन्य तारों की तुलना में सूर्य का अध्ययन संभव है। इस मिशन के बाद आकाशगंगा के बाकी तारों का अध्ययन संभव हो सकेगा और अन्य आकाशगंगाओं के तारों के बारे में जानकारी संभव हो सकेगी। सूर्य की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है और इसका तापमान 10 से 20 लाख डिग्री सेल्सियस है। इसकी आयु 4.5 अरब वर्ष है।
आदित्य-एल1 का वजन कितना है?
आदित्य-एल1 का वजन 1480.7 किलोग्राम है। प्रक्षेपण के करीब 63 मिनट बाद आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान डिजाइन से अलग हो जाएगा। आदित्य को 25 मिनट के भीतर निर्धारित कक्षा में ले जाया जाएगा। यह सबसे लंबे समय तक चलने वाले डिजाइनों में से एक है।
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