इंदौर के बीएम फार्मेसी कॉलेज में एक पूर्व छात्र द्वारा कॉलेज की प्रिसिंपल विमुक्ता शर्मा को पेट्रोल डालकर जला दिया गया था। 80 फीसदी से ज्यादा जल जाने के बाद पांच दिनों तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद आखिरकार शनिवार तड़के इलाज के दौरान प्रिसिंपल की मौत हो गई। इस घटना ने गुरु और शिष्य के संबंध को कलंकित करने का कार्य किया है।
इस प्रकरण की जांच के दौरान पुलिस को आग लगाए जाने की घटना से जुड़े चार साक्षी मिले हैं। इनमें से एक के 164 में बयान करवाए हैं। पांच दिन पहले बीएम कॉलेज की प्रिसिंपल विमुक्ता शर्मा पर पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव ने कॉलेज कैम्पस में हमला किया था। वह मार्कशीट नहीं मिलने और एक प्रोफेसर द्वारा चाकूबाजी का केस दर्ज कराए जाने से कॉलेज मैनेजमेंट से नाराज था। जिसके चलते पांच दिन पहले कालेज कैंपस में ही आरोपित छात्र ने प्रिसिंपल पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। 80 फीसदी से ज्यादा जल जाने से प्रिसिंपल शर्मा पांच दिन से चोइथराम अस्पताल में भर्ती थीं। शनिवार सुबह 4 बजे उनकी मौत हो गई। आरोपी के शरीर का भी कुछ हिस्सा जला था, इसके चलते उसे दो दिन अस्पताल में रखा गया। अब वह पुलिस कस्टडी में है। सिमरोल टीआई आरएन भदौरिया ने बताया आरोपी आशुतोष ने जिस पंप से बाइक में पेट्रोल डलवाया था, उसके मालिक और तेजाजी नगर के जनरल स्टोर संचालक, जिनसे बाल्टी खरीदी थी, उनके बयान लिए हैं।
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घटना के चश्मदीद गवाह इलेक्ट्रिशियन सुनील खैर ने बताया आशुतोष ने बाल्टी भरकर पेट्रोल मैडम के ऊपर डाला था। इधर आरोपित छात्र अंशुमन श्रीवास्तव (21 वर्ष) पर कलेक्टर इलैया टी राजा ने रासुका लगाने का आदेश जारी कर दिया है। आदेश के तहत वह छह महीने तक जेल में रहेगा।
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