Bihar: एचएमपीवी से निपटने के लिए कोविड-19 की तर्ज पर इंतजाम, स्वास्थ्य संस्थानों को दिया गया यह निर्देश

चीन में फैले एचएमपीवी वायरस को लेकर बिहार में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस वायरस से निपटने के लिए कोविड-19 की तर्ज पर सभी स्वास्थ्य संस्थानों में इंतजाम करने का निर्देश दिया गया है।

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Bihar: चीन में फैले एचएमपीवी वायरस को लेकर बिहार में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस वायरस से निपटने के लिए कोविड-19 की तर्ज पर सभी स्वास्थ्य संस्थानों में इंतजाम करने का निर्देश दिया गया है।

बिहार स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद सभी जिलों के जिलाधिकारियों, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य एवं अधीक्षक, सिविल सर्जनों को इस वायरस से बचाव के लिए कोरोना की तर्ज पर ही इंतजाम करने का निर्देश दिया है।

आईएचआईपी पोर्टल पर प्रतिदिन रिपोर्ट देने का निर्देश
स्वास्थ्य सचिव संजय सिंह ने निर्देश दिया है कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा इंफ्लूएंजा के समान बीमारी एवं सिवियर एक्यूट रिसपेरेट्री न्यूमोनिया (सारी) का सर्विलांस सुनिश्चित करते हुए इसको आईएचआईपी पोर्टल पर प्रतिदिन रिपोर्ट दी जाए।

संबंधित दवा, किट, वेटिलेटर, ऑक्सीजन और मास्क उपलब्ध कराने का आदेश
स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिया है कि कोविड-19 से संबंधित दवा, किट, वेटिलेटर, ऑक्सीजन और मास्क इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके ट्रेंड पर ध्यान रखने और इसके बढ़ने की स्थिति में सभी अस्पतालों में फ्लूकॉर्नर को सक्रिय करने को कहा है। साथ ही सभी अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण गतिविधियों की सघन निगरानी करने, अस्पताल मेंगंभीर रूप से भर्ती सारी के मामले के सैंपल को पूणे स्थित राष्ट्रीय लैब में भेजकर जांच कराने को कहा है ताकि एचएमपीवी का लैब में पुष्टि हो सके।

बीमारी के शुरुआती लक्षण
शुरुआती लक्षण खांसी-जुकाम, तेज बुखार और गंभीर मामलों में सांस लेने में परेशानी हो सकती है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, किडनी, हृदय, लिवर जैसे कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा।

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स्वास्थ्य सचिव के निर्देश

-सभी अस्पतालों में एनफ्लुएंजा लाइक इलनेस व सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी निमोनिया या इंफेक्शन को चिह्नित कर पोर्टल पर प्रतिदिन रिपोर्ट अपलोड करना।

-कोविड-19 संबंधी दवाएं, किट्स, वेंटिलेटर, आक्सीजन, माक्स आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

-मिलते-जुलते लक्षण के मामले बढ़ने पर सभी अस्पतालों में फ्लू कार्नर बनाकर जांच शुरू की जाए।

-चिकित्साकर्मियों को एचएमपीवी से बचाव के बारे में प्रशिक्षित किया जाए।

-सभी अस्पतालों में इंफेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिसेस की सघन निगरानी शुरू की जाए।

-सांस लेने में परेशानी और बुखार वाले रोगियों के उपचार के लिए अस्पताल में विशेष व्यवस्था करते हुए वार्ड एवं बेड निर्धारित किए जाएं।

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