High Court का बड़ा फैसला : दुष्कर्म मामलों की जांच IPS दमयंती सेन की निगरानी में

IPS दमयंती सेन ने बिना उच्चाधिकारियों की बात माने सख्ती से जांच की है और मामले में दुष्कर्मी को कड़ी सजा भी हुई है।

159

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य में लगातार हो रहे दुष्कर्म के संगीन मामलों की जांच राज्य की बहुचर्चित आईपीएस अधिकारी दमयंती सेन को सौंप दी है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ ने 12 अप्रैल को कहा कि इंग्लिश बाजार, देगंगा, बांसद्रोनी और मटिया दुष्कर्म घटना की जांच आईपीएस दमयंती सेन की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर होगी।

कानून व्यवस्था का बुनियादी ढांचा नहीं
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने जांच अधिकारी को संबोधित करते हुए कहा कि अगर किसी तरह की कोई परेशानी होगी तो अगली सुनवाई में न्यायालय के समक्ष रखा जा सकता है। न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य में एक के बाद एक दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था का कोई बुनियादी ढांचा नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि आईपीएस सेन को दुष्कर्म के इस तरह के मामलों की जांच का अनुभव पहले से है, इसलिए उन्हें यह मामला सौंपा जाता है।

ये भी पढ़ें – रामनवमी के शोभायात्रा पर किया पथराव और घरों पर फेंका पेट्रोल बम

सभी मामलों की हो रही जांच
राज्य की ओर से महाधिवक्ता सोमेंद्र नाथ मुखर्जी ने न्यायालय को बताया कि मटिया दुष्कर्म मामले में चार अप्रैल को न्यायालय में रिपोर्ट दी गई है। बांसद्रोनी दुष्कर्म मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें एक नाबालिग है। उसे चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिस में रखा गया है और जुवेनाइल न्यायालय भी लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि राज्य में एक के बाद एक ऐसी घटनाएं हो रही हैं। राज्य में ऐसा लगता है जैसे बुनियादी ढांचा नहीं बचा है।

याचिकाकर्ता की ओर से वकील सुष्मिता साहा दत्त ने कहा कि सिर्फ चार मामले ही नहीं बल्कि भांगर, बोलपुर, नामखाना, रायगंज हासखली में भी ऐसी ही दिल दहलाने वाली घटनाएं हो चुकी हैं।

आईपीएस दमयंती की कोलकाता में वापसी
उल्लेखनीय है कि, आईपीएस दमयंती सेन पश्चिम बंगाल की बहुचर्चित अधिकारी हैं। वर्ष 2011 में ममता बनर्जी की सरकार बनने के तुरंत बाद वर्ष 2012 में कोलकाता के पार्क स्ट्रीट में एक एंग्लो इंडियन लड़की के साथ दिनदहाड़े दुष्कर्म हुआ था। ममता बनर्जी ने इस घटना को फर्जी बताया था लेकिन दमयंती सेन ने बिना उच्चाधिकारियों की बात माने सख्ती से जांच की थी और मामले में दुष्कर्मी को कड़ी सजा भी हुई। इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें कोलकाता पुलिस से हटाकर राज्य पुलिस में भेज दिया था। 1996 बैच की आईपीएस अधिकारी दमयंती की कोलकाता पुलिस में वापसी सात सालों बाद हुई थी और फिलहाल वह कोलकाता पुलिस की विशेष आयुक्त हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.