मुंबई (Mumbai) के घाटकोपर होर्डिंग हादसे (Ghatkopar Hoarding Accident) को लेकर बड़ा एक्शन (Action) हुआ है। इस केस में आईपीएस अधिकारी (IPS Officer) कैसर खालिद (Quaiser Khalid) को सस्पेंड (Suspended) कर दिया गया है। खालिद रेलवे सीपी थे और उन्होंने वहां होर्डिंग लगाने की अनुमति दी थी। महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने आईपीएस मोहम्मद कैसर खालिद के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई (Disciplinary Action) शुरू करने का फैसला किया है। उन्होंने डीजीपी कार्यालय की मंजूरी के बिना अपने आप होर्डिंग को मंजूरी दी थी। इसमें प्रशासनिक चूक और अनियमितताएं पाई गई हैं।
महाराष्ट्र डीजी की रिपोर्ट के अनुसार, खालिद ने स्वीकृत मानदंडों की अनदेखी कर अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया और 120×140 वर्ग फीट के बड़े होर्डिंग्स लगाने की अनुमति दी। महाराष्ट्र सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा कि आईपीएस मोहम्मद कैसर खालिद को अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
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I welcome Maharashtra Govt & @Dev_Fadnavis for suspending Railway Police Comisioner Kaiser Khalid for corrupt practices which cause fall of Ghatkopar Hoardings resulting into death of 17 persons @BJP4India pic.twitter.com/XR2i6cP4q8
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) June 25, 2024
रश्मि शुक्ला ने 21 मई को रिपोर्ट प्रस्तुत की
खालिद की अनुमति से, कंपनी द ईगो मीडिया ने चार विशाल बिलबोर्ड लगाए। इनमें से एक पैनल (120 x 140 वर्ग फीट) 13 मई को बगल के पेट्रोल पंप पर गिर गया। इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई। करीब 80 लोग घायल हो गये। इस हादसे के बाद सरकार ने राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मी शुक्ला को घटना की जांच के आदेश दिये हैं। शुक्ला ने 21 मई को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
13 मई को हुआ था हादसा
अधिसूचना में कहा गया है, ‘रेलवे पुलिस की जमीन पर होर्डिंग गिरने के मामले में प्रारंभिक जांच की गई है।’ महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि 13 मई को गिरे होर्डिंग को मंजूरी देने में घोर अनियमितताएं और प्रशासनिक खामियां थीं।
पुलिस के अनुसार, 13 मई को तेज हवाओं और बेमौसम बारिश के दौरान मुंबई के घाटकोपर इलाके में एक विशाल होर्डिंग गिर गया, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग घायल हो गए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले कहा था कि संबंधित जमीन राजकीय रेलवे पुलिस के कब्जे में थी और पेट्रोल पंप के पास होर्डिंग लगाने की अनुमति तत्कालीन जीआरपी आयुक्त कैसर खालिद की मंजूरी से मेसर्स एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को 10 साल के लिए दी गई थी। होर्डिंग गिरने की घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था।
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