बहुचर्चित फोन टैपिंग मामले में बरी होने के लिए आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला ने मुंबई के मजिस्ट्रेट कोर्ट में आवेदन किया है। आवेदन में उन्होंने कहा है कि इस मामले में कार्रवाई के लिए पुलिस ने केंद्र सरकार की अनुमति नहीं ली थी। कोर्ट ने उनकी अर्जी पर पुलिस को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। हालांकि, आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला द्वारा किए गए आवेदन के बाद अब चर्चा है कि क्या रश्मि शुक्ला को मुक्त मिलेगी?
पुलिस की क्लीन चिट को कोर्ट ने किया था नामंजूर
रश्मि शुक्ला महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के कुछ समय बाद तक महाराष्ट्र खुफिया विभाग की प्रमुख थीं। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने राज्य के कई बड़े नेताओं के फोन टैप करवाए। तत्कालीन गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजीव जैन की शिकायत पर चार मार्च को कोलाबा पुलिस स्टेशन में रश्मि शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद पुलिस ने रश्मि शुक्ला को क्लीन चिट दे दी थी, जिसे पुणे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया था और मामले की फिर जांच कराने का आदेश दिया था। इसके बाद रश्मि शुक्ला ने कोर्ट में आवेदन किया है।