Canada: इस्तीफा दे रहे हैं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो? जानिए प्रकरण

द ग्लोब एंड मेल के अनुसार, लिबरल पार्टी के अंदर असंतोष और अंदरूनी कलह बढ़ती जा रही है। इस मामले में लिबरल पार्टी के अंदरूनी मामलों की जानकारी रखने वाले तीन बड़े सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ट्रूडो अपने इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं।

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कनाडा (Canada) से बड़ी राजनीतिक खबर सामने आ रही है। विदेशी मीडिया के अनुसार, अपने ही देश में भारी राजनीतिक दबाव (Political Pressure) का सामना कर रहे कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau) इस्तीफा (Resignation) देने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपने पद से हटने वाले हैं। अखबार द ग्लोब एंड मेल (The Globe and Mail) की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिन ट्रूडो सोमवार (6 जनवरी) को इस्तीफा दे सकते हैं। ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के अंदर बढ़ती कलह और सदस्यों द्वारा उन पर डाले जा रहे दबाव के चलते यह बड़ा फैसला लेने का फैसला किया है।

द ग्लोब एंड मेल के अनुसार, लिबरल पार्टी के अंदर असंतोष और अंदरूनी कलह बढ़ती जा रही है। इस मामले में लिबरल पार्टी के अंदरूनी मामलों की जानकारी रखने वाले तीन बड़े सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ट्रूडो अपने इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं। इसके बाद बुधवार (8 जनवरी) को नेशनल लिबरल पार्टी के संसदीय दल की बैठक होने वाली है, जिससे पहले ट्रूडो के इस्तीफे का ऐलान होने की संभावना है।

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इस्तीफे की वजह!
लिबरल पार्टी के सदस्यों का मानना ​​है कि जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व में पार्टी का अगला चुनाव जीतना अब मुश्किल है। पार्टी के अंदर उनके खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है और इसी नाराजगी का नतीजा है कि सांसदों ने उनका खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है। कुछ समय पहले उन्हें हटाने के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया था। इस दौरान ट्रूडो से कई कड़े सवाल पूछे गए हैं। इसके चलते उन पर इस्तीफे का दबाव बन रहा है।

भारत से दुश्मनी महंगी पड़ी
हाल ही में ट्रूडो सरकार के भारत सरकार से रिश्ते भी खराब हो गए थे। खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद ट्रूडो सरकार ने इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था, जिसके बाद भारत ने करारा जवाब दिया था। यहां तक ​​कि भारत ने कनाडा के राजनयिक को वापस भेज दिया था, जिसके बाद कनाडा ने भी यही किया।

डोनाल्ड ट्रंप से दोस्ती का कोई संकेत नहीं
बता दें कि कुछ दिन पहले ही जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी। उन्होंने अमेरिका से रिश्ते सुधारने की कोशिश की थी, लेकिन ट्रंप की तरफ से उन्हें कोई खास जवाब नहीं मिला था। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि अगर कनाडा सरकार वहां से अमेरिका आने वाले अवैध अप्रवासियों और अवैध ड्रग्स के प्रवाह को रोकने में विफल रहती है, तो कनाडा पर 25 फीसदी शुल्क (कर) लगाया जाएगा। इस पर चिंता जताते हुए ट्रूडो ने कहा था कि इस तरह का शुल्क कनाडा की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगा।

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