वर्ष 2008 के आतंकी हमले की योजना में सम्मिलित आतंकी वर्ष 2019 में ही मारा गया है। इसका खुलासा इस्लामिक स्टेट की आतंकी पत्रिका में किया गया है। जिसमें बताया गया है कि, भारत का दोषी इस्माइल अल हिंदी चार साल पहले ही मारा जा चुका है।
इस्लामिक स्टेट (आईएस) की पत्रिका है वॉइस ऑफ खोरासन। इसमें बताया गया है कि, लश्कर ए तैयबा से संबद्ध इस्माइल अल हिंदी वर्ष 2019 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था। यह हमला खोरासन में हुआ था। इस्माइल का मुंबई आतंकी हमले में बड़ा हाथ था। वैसे, इस बात की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
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उत्तर प्रदेश से संबंध
इस्माइल अल हिंदी के पिता हाफिज उत्तर प्रदेश के रहनेवाले थे। वहां से वे मुंबई आ गए थे। कट्टरवादी विचारों से प्रेरित इस्माइल 2006 में कश्मीर चला गया और वहां आतंकी गतिविधियों में सम्मिलित हो गया।