फिलिस्तीनी गाजा पट्टी के आतंकवादी संगठन हमास ने शनिवार, 7 अक्टूबर को इजरायल पर 5,000 रॉकेट दागे और हथियारों के साथ इजरायल में घुसपैठ की। साथ ही इजरायली नागरिकों का अपहरण कर लिया। अब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया है। अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत है। ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) हेमंत महाजन ने ‘हिंदुस्थान पोस्ट’ से बात करते हुए कहा कि तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो चुका है। ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) हेमंत महाजन ने इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध पर टिप्पणी की।
प्रश्न: इजराइल और हमास के बीच युद्ध का परिणाम क्या होगा?
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) हेमंत महाजन: हमास आतंकवादियों और इज़राइल के बीच भीषण युद्ध शुरू हो गया है। हमास के आतंकियों ने इजराइल पर 5000 रॉकेट दागे हैं और अब ये आतंकी हाथ में हथियार लेकर इजराइल में घुसपैठ कर चुके हैं। वे वहां के नागरिकों को मार रहे हैं। इसके जवाब में इजराइल ने हमास के ठिकानों पर हमला बोल दिया है। इसमें सभी प्रकार के हथियारों का उपयोग किया जा रहा है। लेकिन हमास के अड्डे नागरिक इलाकों में हैं, इसलिए अगर यह बेस ध्वस्त हो गया तो इसके आसपास रहने वाले बड़ी संख्या में नागरिकों को भी अपनी जान गंवानी पड़ेगी। इसलिए यह युद्ध रुकना चाहिए, क्योंकि इसकी कीमत न केवल इजरायल को चुकानी पड़ रही है, बल्कि बड़ी संख्या में फिलिस्तीन में रहने वाले नागरिकों को भी चुकानी पड़ रही है। लेकिन फिलहाल ऐसा संभव नहीं हो पाएगा, क्योंकि दोनों ही पक्ष एक-दूसरे से बात करने को तैयार नहीं हैं। ईरान हमास का समर्थन करता है, जबकि इजराइल के पास अत्याधुनिक हथियार हैं। इसलिए यह विश्व की शांति के लिए बहुत बड़ा ख़तरा है। ऐसी भी खबरें हैं कि अमेरिका और सऊदी अरब इन युद्धों को रोकने के लिए इजरायल पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह कितना सफल होगा, यह देखने वाली बात होगी।
प्रश्न: फिलिस्तीन ने दुनिया के मुस्लिम देशों से इजराइल के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है, इसमें उसे कितनी सफलता मिलेगी?
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) हेमंत महाजन: हमास के पास हथियारों की कमी नहीं है, लेकिन उनके पास जनशक्ति की कमी है। हालांकि अभी तक यह बात सामने नहीं आई है कि अन्य मुस्लिम देश हमास को जनशक्ति उपलब्ध कराकर युद्ध में भाग लेंगे। अन्य मुस्लिम राष्ट्र हमास और फ़िलिस्तीन को नैतिक समर्थन दे रहे हैं, उन्हें हथियार मुहैया करा रहे हैं, वे उन्हें धन मुहैया करा रहे हैं, युद्ध में नुकसान होने पर वे उन्हें मुआवजा देने में मदद करेंगे, लेकिन वे वास्तविक सैन्य प्रदान करने की सीमा तक सक्रिय समर्थन प्रदान नहीं करेंगे। हमास मध्य पूर्व से समर्थन पाने की कोशिश करेगा, लेकिन इज़राइल उन्हें कुचल देगा।
प्रश्न: क्या यह हमला अरब देशों के साथ इजराइल के अच्छे संबंधों को खराब करने के लिए है?
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) हेमन्त महाजन: इजराइल के सभी अरब देशों के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं। इजराइल के केवल दो देशों, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब, के साथ अच्छे संबंध हैं। वे व्यापार और वित्तीय मामलों से संबंधित हैं। इजराइल निश्चित रूप से इन देशों के साथ आर्थिक संबंध बढ़ाना चाहता है। फिलिस्तीनियों और इजराइल के बीच दुश्मनी 100 साल पुरानी है। फ़िलिस्तीन एक स्वतंत्र देश बनना चाहता है और इज़रायल उसे नहीं बनने देगा। इज़रायल उन्हें नष्ट करना चाहता है, लेकिन वह नष्ट नहीं होगा। इसलिए ये दोनों आगे भी एक दूसरे से लड़ते रहेंगे, इसके अलग-अलग कारण होंगे।
सवाल: इजराइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध का भारत पर क्या असर होगा?
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) हेमंत महाजन: इस युद्ध का भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह युद्ध भारत के बाहर चल रहा है। इसमें ईरान और इजराइल का पैसा बर्बाद हो रहा है। इन दोनों देशों की हार-जीत का भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
प्रश्न: क्या इजराइल और हमास के बीच युद्ध तीसरे युद्ध की शुरुआत है?
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) हेमन्त महाजन: तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो चुका है। इस समय जो आर्थिक युद्ध चल रहा है, जिसमें अमेरिका और चीन शामिल है। अब कनाडा ने भारत के खिलाफ जो शुरू किया है, वो सब युद्ध है। यह युद्ध केवल बंदूकों का युद्ध नहीं है। इसे हम बहुआयामी प्रकार का युद्ध कह सकते हैं।