ISRO ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट 9 जनवरी तक किया स्थगित, ये है कारण 

डॉकिंग और अनडॉकिंग के बाद ये उपग्रह धरती की कक्षा में दो साल तक काम करते रहेंगे। इन उपग्रहों का काम अलग-अलग होगा, जैसे तस्वीर लेना, पृथ्वी के संसाधनों की जानकारी एकत्र करना और दूसरे वैज्ञानिक काम करना।

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ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 7 जनवरी के लिए निर्धारित दो स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (स्पैडेक्स) उपग्रहों की डॉकिंग को 9 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

उक्त जानकारी 6 जनवरी काे इसरो ने ट्वीट कर दी। इसरो ने ट्वीट किया कि निर्धारित स्पैडेक्स डॉकिंग अब 9 तारीख तक स्थगित कर दी गई है। इसराे ने इसके पीछे के कारणों का खुलासा नहीं किया है। इसरो ने कहा कि डॉकिंग प्रक्रिया को अभी सत्यापन की आवश्यकता है।

अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत के लिए एक बड़ा कदम
उल्लेखनीय है कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में स्पेडेक्स का परीक्षण भारत के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। यह अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत के लिए एक बड़ा कदम है। अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक कक्षा में डॉक करना एक चुनौतीपूर्ण काम है। अबतक इस उपलब्धि को रूस, अमेरिका, चीन ने हासिल किया है। यह मिशन इसरो की बढ़ती विशेषज्ञता को जाहिर करता है और भविष्य की परियोजनाओं के लिए आधार तैयार करता है। भविष्य के अंतरिक्ष मिशन के लिए डॉकिंग तकनीक बेहद अहम और जटिल तकनीक है, क्योंकि दोनों उपग्रहों को कक्षा में रखना है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें एक-दूसरे से टकराना नहीं है।

डॉकिंग में महारत हासिल करना जरूरी
इससे पहले इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि अगर भारत को चंद्रयान-4 भेजना है, अंतरिक्ष स्टेशन बनाना है और फिर किसी भारतीय को चंद्रमा पर भेजना है तो डॉकिंग में महारत हासिल करना एक जरूरी कदम है।

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उपग्रह धरती की कक्षा में दो साल तक करेंगे काम
डॉकिंग और अनडॉकिंग के बाद ये उपग्रह धरती की कक्षा में दो साल तक काम करते रहेंगे। इन उपग्रहों का काम अलग-अलग होगा, जैसे तस्वीर लेना, पृथ्वी के संसाधनों की जानकारी एकत्र करना और दूसरे वैज्ञानिक काम करना। एसडीएक्स 01 उपग्रह में एक उच्च-रिजॉल्यूशन कैमरा (एचआरसी) है। जबकि एसडीएक्स 02 में दो पेलोड ‘मिनिएचर मल्टीस्पेक्ट्रल’ (एमएमएक्स) और ‘रेडिएशन मॉनिटर’ (रेडमॉन) हैं। ये पेलोड उच्च रिजॉल्यूशन की तस्वीरें, प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी, वनस्पति अध्ययन और अंतरिक्ष में विकिरण की माप करेंगे।

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