मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की युगल पीठ ने 21 अप्रैल को बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ लगी याचिका को खारिज कर दिया है, न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता न तो पीड़ित है और न ही पीड़ित से कोई सीधा संबंध है, इसलिए मामला सुनवाई योग्य नहीं है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मा. रवि मलिमठ व न्यायाधीश पी.के. कौरव की युगल पीठ ने तर्को के साथ याचिका निरस्त कर दी। युगल पीठ ने कहा कि अगर किसी पीड़ित के साथ कुछ गलत हो रहा है तो वह स्वयं सामने आकर न्यायिक प्रक्रिया अपनाकर अपनी समस्या रख सकता है।
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कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग
मंडला रोड बिलहरी निवासी अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता की ओर से उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाकर प्रदेश में बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिका में अधिवक्ता की ओर से दलील दी गई थी कि सरकार की बुलडोजर कार्यवाही से लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है, राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश के आम लोगों में भय का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है। याचिका में म.प्र.सरकार और महानिदेशक पुलिस म.प्र. को पक्षकार बनाया गया था, राज्य सरकार का पक्ष अतिरिक्त महाधिवक्ता अशीष आनंद बर्नाड ने रखा।