क्या जैश-उल-हिंद ने कराया दिल्ली में धमाका?… पढ़िए पूरी खबर

जैश-उल-हिंद नामक आतंकी संगठन ने इस धमाके की जिम्मेदारी ली है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि इससे पहले इस संगठन का नाम नहीं सुना गया।

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देश की राजधानी दिल्ली में 29 जनवरी को इजरायल दूतावास के सामने हुए धमाके की जांच सुरक्षा एजेंसियां युद्ध स्तर पर कर रही हैं। इस बीच जैश-उल-हिंद नामक आतंकी संगठन ने इस धमाके की जिम्मेदारी ली है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि इससे पहले इस संगठन का नाम नहीं सुना गया। इसका नाम टेलिग्राम मेसेज के जरिए उजागर हुआ है। मेसेज में सबसे पहले अंग्रेजी में लिखा गया है, ‘ए स्ट्राइक इन द हार्ट ऑफ डेल्ही।’ इस मेसेज में आगे भी इस तरह के धमाके करने क धमकी भी दी गई है। संगठन ने लिखा है, ‘ये तो शुरुआत है, हम आगे भारत के बड़े शहरों को टार्गेट करेंगे।’

धमकी के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
फिलहाल जैश-उल-हिंद संगठन की इस धमकी के बाद खुफिया एजेंसियों की परेशानी बढ़ गई है। इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। एजेंसियों को शक है कि जैश-उल- हिंद नाम का यह संगठन जैश-उल-अद्ल का इंडिया में संक्रिय शाखा है। जैश-उल-अद्ल ईरानी आतंकी संगठन है। इसके आलवा एक और ईरानी आतंकी संगठन जैश-अल-अद्ल भी सक्रिय है।

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कुलभूषण जाधव का किया था अपहरण
बताया जाता है कि इसी संगठन ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को ईरान के चाबहार पोर्ट से अगवा कर लिया था। बाद में उसने उसे पाकस्तन को सौंप दिया था। खूफिया एजेंसियों के मुताबिक इन दोनों संगठनों के ठिकाने दक्षिण-पूर्वी ईरान में स्थित हैं। इनका क्षेत्र पाकिस्तान बॉर्डर से सटा है। बताया जा रहा है कि ये संगठन सिस्तान औप बलोचिस्तान की आजादी की लड़ाई लड रहे हैं। यह भी माना जाता है कि इन दोनों ही संगठनों के संबंध अल कायदा से हैं। इसकी स्थापना वर्ष 2012 में जुंदाल्लाह नाम के एक सुन्नी कट्टरपंथी समूह के लोगों ने की थी। इसका जाल ईरान के आलावा जापान और न्यूजीलैंड के साथ ही अमेरिका तक फैला हुआ है।

इस तरह किया था अपहरण
जैश-उल-अद्ल के पाकिस्तानी सेना और वहां की जांच एजेंसी आईएसआई से करीबी संबंध बताए जाते हैं। वर्ष 2018 में यह बात सामने आई थी। कुलभूषण जाधव को ईरान के चाबहार पोर्ट से मुल्ला उमर बलोच ईरानी नाम के एक आतंकी ने अगवा कर लिया था। मुल्ला उमर इसी जैश-उल-अद्ल का सदस्य है। अगवा करने से पहले जाधव के हाथ बांध दिए गए थे, और उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी गई थी। फिर उसे एक कार में जबरन बैठा दिया गया था। उसके बाद उसे ईरान-बलोचिस्तान बॉर्डर पर स्थित मश्केल नाम के कस्बे में लाया गया था। यहां से उसे क्वेटा और फिर इस्लामाबाद ले जाया गया था।

मामा कदीर बलोच ने 2018 में एक इंटरव्यू में किया खुलासा
बलोच एक्टिविस्ट मामा कदीर बलोच ने 2018 में एक इंटरव्यू में यह खुलासा किया था। उसने बताया था कि इस अपहरण के लिए आईएसआई ने मुल्ला उमर को करोड़ों रुपए दिए थे। बलोच का कहना था कि पाकिस्तान को पता था कि जाधव ईरान में बिजनेस करता है। वह कभी बलोचिस्तान आया ही नहीं। उसे ईरान से किडनैप किया गया। बाद में आईएसआई ने दावा किया कि जाधव को उसने बलोचिस्तान से पकड़ा है।

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