Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर पुलिस(Jammu and Kashmir Police) ने रामबन जिले(Ramban District) के गूल इलाके में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन(Banned terrorist group Hizbul Mujahideen) के पांच आतंकवादियों की अचल संपत्तियां जब्त(Immovable properties seized) की हैं। यह सभी पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर(Pakistan occupied Jammu and Kashmir) में चले गए हैं और वहीं से अपनी गतिविधियां चला रहे हैं। गूल क्षेत्र के इन पांच निर्वासित आतंकवादियों की अचल संपत्तियों को जब्त करना आतंकवाद के वित्तपोषण नेटवर्क(Terror financing network) को खत्म करने और क्षेत्र में आतंकवाद के पुनरुत्थान को रोकने में एक निर्णायक कदम(Decisive step) माना जा रहा है।
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पीओके में जाने की जानकारी
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने 28 फरवरी को कहा कि संगलदान के सराज दीन (48), दलवाह के रेयाज अहमद (45), बंज भीमदासा के फारूक अहमद (46) और मोइला के मोहम्मद अशरफ (50) और मुश्ताक अहमद (47) पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर में चले गए हैं और वहीं से अपनी गतिविधियां चला रहे हैं।यह दहशतगर्द आतंकवादी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए इन संपत्तियों को बेचने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से सक्रिय आतंकवादियों को कड़ा संदेश है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के उनके प्रयासों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गूल में उप-विभागीय पुलिस अधिकारी के जब्ती आदेश के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस या अन्य नामित अधिकारियों की अनुमति के बिना इन संपत्तियों की खरीद-बिक्री नहीं की जा सकेगी।
परिवारों पर भी कस रहा कानूनी शिकंजा
उन्होंने कहा कि जब्ती आदेश से आतंकी फंडिंग के संभावित स्रोत को रोका जा सकेगा, जिसका इस्तेमाल क्षेत्र में हिजबुल मुजाहिदीन के प्रभाव को पुनर्जीवित करने के लिए किया जा सकता था। पुलिस ने कहा कि इन व्यक्तियों के परिवारों को अब कानूनी और वित्तीय बाधाओं का सामना करना पड़ेगा, जिससे वे आतंकवादी गतिविधियों को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन नहीं दे पाएंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन आतंकी फंडिंग, ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) नेटवर्क और घुसपैठियों पर सक्रिय रूप से कार्रवाई कर रहा है और इसने हाल के वर्षों में आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को काफी कमजोर कर दिया है। उन्होंने कहा कि नवीनतम कार्रवाई सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के अनुरूप है।
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