बाबा अमरनाथ मार्ग पर हिंदुओं की लंगर सेवा अनवरत चलेगी। इसे बैलेंस शीट की अनिवार्यता ने बाधित करने का प्रयास किया था। परंतु, श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर ऑर्गेनाइजेशन की पहल और वरिष्ठ अधिवक्ता अंकुर शर्मा के तर्कपूर्ण प्रस्तुति से उच्च न्यायालय में प्रशासन का निर्णय पस्त हो गया है।
श्री अमरनाथ यात्रा मार्ग में प्रतिवर्ष लंगर लगते हैं। इसमें यात्रियों को नि:शुल्क भोजन, रहने और स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती हैं। यात्रा मार्ग हिंदू संतों और हिंदू सेवियों के लंगर से सज जाता है। इसके अलावा यात्रा मार्ग में स्थानीय मुस्लिम व्यापारियों के लंगर भी चलते हैं, जो लाखो रुपए की कमाई करते हैं।
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उच्च न्यायालय का आदेश
जम्मू उच्च न्यायालय ने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को आदेश दिया है कि, वह लंगर लगानेवाले संगठनों के विचारों पर भी ध्यान दे। न्यायाधीश संजीव कुमार ने श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर ऑर्गेनाइजेशन की ओर से अधिवक्ता अंकुर शर्मा द्वारा दायर याचिकाओं का निपटारा कर दिया।
अपनी याचिका की सुनवाई में अंकुर शर्मा ने बैलेंस शीट की अनिवार्यता को संवैधानिक आधिकारों का हनन बताया था। उन्होंने कहा कि यदि पहली बार कोई लंगर लगाना चाहता है तो क्या बैलेंस शीट के अभाव में उसे लंगर नहीं लगाने दिया जाएगा? इस पर न्यायाधीश ने कहा कि लंगर लगाने के लिए तीन वर्ष की बैलेंस शीट अनिवार्य नहीं है।
बैलेंस शीट के आदेश से लंगर समाप्त
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अधीन प्रशासन ने इस वर्ष एक नया नियम लागू किया। इसके अंतर्गत श्री अमरनाथ मार्ग पर लंगर लगानेवाली संस्थाओं या व्यापारियों को अनुमति प्राप्ति के लिए तीन वर्ष की बैलेंस शीट देना अनिवार्य कर दिया गया था। इसके कारण साधु-संत, अखाड़ों और हिंदू सेवियों के समक्ष समस्या खड़ी हो गई थी।
अंकुर शर्मा की पहल
बाबा अमरनाथ मार्ग पर लगनेवाले हिंदुओं के लंगर का नेतृत्व श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर ऑर्गनाइजेशन करती है। इस संस्था के लोगों ने इक्कजुट्ट जम्मू के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता अंकुर शर्मा से इस संबंध में कानूनी सहायता मांगी। जिसके बाद अंकुर शर्मा ने स्व-खर्च पर उच्च न्यायालय में प्रशासन के निर्णय को चुनौती देनेवाली याचिका दायर की।
⇒याचिका में उपराज्यपाल कार्यालय के आदेश को संविधान के अनुच्छेद 19(1)(सी) का उल्लंघन बताया। यह अनुच्छेद प्रत्येक नागरिक को मौलिक अधिकार प्रदान करता है कि वह अपनी संस्था बना सके।
⇒अनुच्छेद 25 प्रत्येक नागरिक को अपना धर्म मानने की स्वतंत्रता देता है।
BJP LG's Theocratic Administration is Killing "Shri Amarnath Ji Langars" in J&K.
Motive: Killing Langars will create Business Opportunities at Shri Amarnath Stretch for Muslims of Kashmir.
SABLO through Advocate Ankur Sharma today moved High Court against 2 such Orders.
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— Ankur Sharma (@AnkurSharma_Adv) March 5, 2021
दान की बैलेंस शीट कहां ढूंढें
सनातन धर्म में अन्न-धान्य आदि दान करना हिंदुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है। लेकिन उपराज्यपाल के आदेश के अनुसार ऑडिटेड बैलेंस शीट अनिवार्यता सनातन धर्म की दान की परंपरा से हिंदुओं को वंचित कर रही थी।
श्री बाबा अमरनाथ मार्ग पर लंगर लगानेवाले साधु संत वर्षभर दान के माध्यम से अनाज व अन्य सामग्री प्राप्त करते हैं, ऐसे में कानूनी बाध्यता से इन लंगरों ने दम तोड़ दिया।
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