जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में अब कुछ नया जुड़ रहा है, समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, अब जल्द ही हिंदू अध्ययन (Hindu Studies), बौद्ध अध्ययन (Buddhist Studies) और जैन अध्ययन (Jain Studies) केंद्र बनाए जाएंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन (University Administration) ने इसकी मंजूरी दे दी है। जेएनयू ने इसके लिए एक नोटिस (Notices) भी जारी किया है। ये नोटिस रजिस्ट्रार की ओर से जारी किए गए हैं।
हाल ही में इसके लिए एकेडमिक काउंसिल की बैठक हुई थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है। एनईपी 2020 के तहत शिक्षा में टीचिंग-लर्निंग और रिसर्च में इनोवेशन लाने के लिए ये तीनों केंद्र बनाए जा रहे हैं।
JNU VC has established 3 Centres that will implement the vision & mission of Vikasit Bharat in integrating the Indian knowledge systems. This will take us on the path of integrating tradition with modernity, continuity with change, Realm with Region and Myth with Reality. pic.twitter.com/lN9LeWeMVg
— Jawaharlal Nehru University (JNU) (@JNU_official_50) July 11, 2024
नोटिस में कहा गया है कि 29 जून को कार्यकारी परिषद ने अपनी बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और भारतीय ज्ञान प्रणाली का पता लगाने और विश्वविद्यालय में इसके आगे के कार्यान्वयन के लिए गठित समिति की सिफारिश को मंजूरी दे दी। विश्वविद्यालय और संस्कृत एवं भारतीय अध्ययन स्कूल में हिंदू अध्ययन केंद्र, बौद्ध अध्ययन केंद्र और जैन अध्ययन केंद्र की स्थापना की जाएगी।
कैसे मिलेगा एडमिशन
इन तीनों सेंटर्स द्वारा ऑफर किए जाने वाले कोर्सेज में एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम के जरिए होगा। इसके लिए कैंडिडेट्स को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी सीयूईटी पास करना होगा। सीयूईटी स्कोर जेएनयू एडमिशन का आधार होगा।
शुरुआत में इतनी सीटें होंगी
इस संबंध में अभी प्लानिंग लेवल पर काफी काम चल रहा है, जिसका क्रियान्वयन होना बाकी है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शुरुआत में इन तीनों सेंटर्स में 20-20 सीटें होंगी। बाद में इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। इन सेंटर्स में एडवांस स्टडी कराई जाएगी। सिलेबस से लेकर बाकी प्रोग्राम की रूपरेखा जल्द ही तैयार हो जाएगी।
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