Jharkhand Land Scam: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED का एक्शन, चार नई गिरफ्तारियां

सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन के भूखंड से संबंधित है, जिस पर ईडी ने आरोप लगाया है कि इसे उन्होंने अवैध रूप से हासिल किया था।

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Jharkhand Land Scam: आधिकारिक सूत्रों ने 17 अप्रैल (बुधवार) को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) (ईडी) ने झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) हेमंत सोरेन (Hemant Soren) और अन्य के खिलाफ कथित अवैध जमीन हड़पने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering cases) में चार नई गिरफ्तारियां की हैं।

उन्होंने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिए गए लोगों की पहचान अंतु तिर्की, प्रिया रंजन सहाय, बिपिन सिंह और इरशाद के रूप में की गई है। ईडी ने मंगलवार को यहां टिर्की और कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर तलाशी ली थी।

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ईडी ने किया गिरफ्तार
इन गिरफ्तारियों के साथ, इस मामले में हिरासत में लिए गए लोगों की कुल संख्या आठ हो गई है। 48 वर्षीय सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद जनवरी में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत यहां होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। मुख्य आरोपी और राजस्व विभाग के पूर्व उप-निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, मोहम्मद सद्दाम हुसैन और अफसर अली को भी गिरफ्तार किया गया है।

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8.86 एकड़ जमीन का है ममला
सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन के भूखंड से संबंधित है, जिस पर ईडी ने आरोप लगाया है कि इसे उन्होंने अवैध रूप से हासिल किया था। एजेंसी ने 30 मार्च को यहां एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष सोरेन, प्रसाद और सोरेन के कथित “अग्रदूतों” – राज कुमार पाहन और हिलारियास कच्छप – और पूर्व सीएम बिनोद सिंह के कथित सहयोगी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

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मनी लॉन्ड्रिंग की जांच
ईडी ने रांची की जमीन भी कुर्क कर ली है और अदालत से प्लॉट जब्त करने का अनुरोध किया है। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच राज्य सरकार के अधिकारियों सहित कई लोगों के खिलाफ भूमि “घोटाले” मामलों में झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई एफआईआर से शुरू हुई है। इस मामले में मुख्य आरोपी प्रसाद हैं, जो सरकारी रिकॉर्ड के संरक्षक थे। ईडी ने एक बयान में कहा था कि उन पर सोरेन सहित कई लोगों को अवैध कब्जे, अधिग्रहण और भूमि संपत्तियों के रूप में अपराध की आय के कब्जे से जुड़ी गतिविधियों में सहायता प्रदान करके अपने आधिकारिक पद का “दुरुपयोग” करने का आरोप है।

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