कुख्यात आपराधिक गिरोह का सरगना अमन साहू को केन्द्रीय कारा मेदिनीनगर में शिफ्ट किया गया है। 11 अक्टूबर की शाम उसे चाईबासा से यहां लाया गया। कारा अधीक्षक जीतेन्द्र कुमार ने इसकी पुष्टि की है।अमन साहू को लाने से पहले उसे रखने के लिए विशेष निगरानी में एक प्रकोष्ठ (सेल) को रिक्त करा लिया गया था। यह सीसीटीवी कैमरे के दायरे में होगा। इसकी हरकत पर मानवीय एवं यांत्रिक नजर रखी जाएगी।
50 से अधिक आपराधिक मामले का अभियुक्त अमन साहू के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक जिलों में पंजीकृत हैं। हत्या, लूट, रंगदारी टैक्स वसूलने के अलावे कोयला व्यापारियों से जबरदस्ती उगाही के मामले दर्ज हैं। साथ ही पुलिस दल पर हमला करने एवं घायल करने के मुकदमे में भी वांछित है। केन्द्रीय कारा मेदिनीनगर में रहते हुए उसने जेल अधीक्षक को जान से मारने की धमकी दी थी।
कई अपराधों को दे चुका है अंजाम
इस आपराधिक सरगना के गिरोह के सदस्य पलामू, लातेहार, चतरा, रामगढ़, हजारीबाग, सिमडेगा, धनबाद, गिरीडीह, बोकारो और रांची जिले में दर्जानाधिक अपराधों को अंजाम दे चुके हैं। कारा अधीक्षक ने बताया कि कारा में सुनिश्चित किया गया है कि अमन साहू को किसी से नहीं मिलने दिया जाए, जरुरी मुलाकात होने पर पुलिस के घेरे एवं निगरानी में ही यह संभव होगा।
13 माह में चौथी बार बदला गया ठिकाना
कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू का ठिकाना 13 माह में चौथी बार बदला गया है। एक बार फिर उसे 11 माह बाद मेदिनीनगर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया। पिछले साल अमन साहू को 17 सितंबर से 25 नवंबर तक पलामू जेल में रखा गया था। इस दौरान जेल में मोबाइल फोन और पार्टी करने की डिमांड जेल प्रशासन ने नहीं मानी थी तो जेल सुप्रीटेंडेंट जितेंद्र कुमार को फोन कर अमन साहू के गुर्गों ने जान से मारने की धमकी दी थी। इस कांड के सामने आने के बाद अमन साहू को दुमका जेल भेज दिया गया था।
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एक जेल में ज्यादा समय तक नहीं रखने की प्लानिंग
20 अगस्त को दुमका से चाईबासा जेल अमन साहू को भेजा गया था। केन्द्रीय कारा मेदिनीनगर में लाने के बाद पुलिस प्रशासन और जेल प्रशासन ने जेल की चौकसी बढ़ा दी है। अमन साहू द्वारा जेल से ही गैंग चलाते हुए राज्य के व्यवसायियों को लगातार धमकी देने और रंगदारी वसूलने का मामला सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय अमन साहू पर लगाम लगाने के प्रयास में है। जिसके तहत अमन साहू को एक जेल में ज्यादा समय तक नहीं रखने की प्लानिंग है। उसके गुर्गे पलामू में भी रंगदारी के लिए गोलीबारी कर चुके हैं।