Bombay High Court: जितेंद्र आव्हाड के बयान से समाज में फैला तनाव! अब कोर्ट में होगी मामले की सुनवाई

हिंदू टास्क फोर्स के संस्थापक अधिवक्ता खुश खंडेलवाल द्वारा एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ अदालत में दायर याचिका अब स्वीकार कर ली गई है।

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बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) के जज सारंग कोतवाल (Judge Sarang Kotwal) ने हिंदू टास्क फोर्स (Hindu Task Force) के संस्थापक वकील खुश खंडेलवाल (Lawyer Khush Khandelwal) की एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार कर लिया। पीठ ने निचली अदालत को भी मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया है। इसलिए सांप्रदायिक तनाव (Communal Tension) पैदा करने वाले बयान देने वालों की मुश्किलें बढ़ने की आशंका है।

बता दें कि ये पूरा मामला साल 2018 का है। अगस्त 2018 में मुंबई एटीएस ने गौरक्षक वैभव राउत को नालासोपारा से गिरफ्तार किया था। वहां से एक देशी बम बरामद किया गया। मामले की जांच के दौरान आव्हाड ने बिना किसी सबूत के एक वीडियो बनाया और दोनों समुदायों के बीच नफरत भरी बयानबाजी की। जिसमें उन्होंने कहा था कि वैभव राउत मराठा मार्च में बम विस्फोट करने वाले थे।

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हालांकि, एटीएस ने जांच या चार्जशीट में कहीं भी यह बात नहीं कही। अब नालासोपारा मामले में वैभव राउत को भी जमानत मिल गई है। उनके बयान के खिलाफ वकील खंडेलवाल ने भायंदर पुलिस स्टेशन में आव्हाड के खिलाफ धारा 153 (ए) और 505 (2) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की। हालांकि, पुलिस ने खंडेलवाल की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज नहीं की। इसके बाद खंडेलवाल ने मजिस्ट्रेट ठाणे में आपराधिक मामला दायर किया।

एफआईआर के लिए नोटिस देने से इनकार
नवंबर 2019 में खंडेलवाल ने आव्हाड को पेन ड्राइव के जरिए एक वीडियो दिया था। आव्हाड का वीडियो देखने के बाद, तत्कालीन मजिस्ट्रेट ने आव्हाड द्वारा दिए गए बयान को प्रथम दृष्टया धारा 153 (ए) और 505 (2) के तहत दंडनीय अपराध माना, लेकिन मजिस्ट्रेट ने क्षेत्राधिकार के आधार पर एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। इसके बाद खंडेलवाल ने मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की। खंडेलवाल ने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली है। इसके अलावा खंडेलवाल ने ठाणे मजिस्ट्रेट के आदेश को खारिज करते हुए मजिस्ट्रेट को जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग पर दोबारा सुनवाई करने का आदेश दिया है।

देखें यह वीडियो – 

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