टुकड़े-टुकड़े गैंग का दूसरा षड्यंत्र सक्रिय, जेएनयू प्रबंधन ने दी कार्रवाई की चेतावनी

वर्ष 2002 में गोधरा कांड हुआ था। जिसमें आयोध्या से लौट रहे हिंदू कारसेवकों को साबरमती एक्सप्रेस में बंद करके दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया था। इसे गोधरा कांड के नाम से जाना जाता है, इसकी परिणति में गुजरात में दंगे हुए। दंगों के समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इसी को लेकर ब्रिटेन समाचार समूह बीबीसी ने एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है, जिसे भारत सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है।

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दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का वामपंथी टुकड़े-टुकड़े गैंग फिर देश के अवमान करने को लेकर सक्रिय हो गया है। अब इस गैंग ने पीएम नरेंद्र मोदी पर प्रतिबंधित डॉक्यूमेंन्ट्री दिखाने की घोषणा की है। जिस पर विश्व विद्यालय प्रबंधन ने कड़ी कार्रवाई के चेतावनी दी है, लेकिन वामपंथी विचारों वाला छात्र संघ इस पर अड़ा है।

छात्रों में वामपंथियों का ‘कु-विचार’
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंन्ट यूनियन की अध्यक्ष और स्टूडेन्ट फेडेरेशन ऑफ इंडिया की सदस्य आइशी घोष ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि, सबसे बड़े लोकतंत्र की निर्वाचित सरकार द्वारा प्रतिबंधित डॉक्यूमेंन्ट्री की स्क्रीनिंग में हमारे साथ आइए। बीबीसी द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री का नाम ‘इंडिया: द मोदी क्वेस्चन’ है।

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जेएनयू विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारे लगाना, प्रदर्शन, मारपीट और तोड़फोड़ होती रही है। पूर्व में कन्हैया कुमार ऑल इंडिया स्टूडेन्ट फेडेरेशन के नेता थे, जिन पर देश के टुकड़े करनेवाला नारा लगाने का आरोप था। इस प्रकरण ने इतना तूल पकड़ा की पूरे देश में इसका विरोध हुआ। लोगों ने प्रश्न उठाए की जिन छात्रों को अल्प पैसे में और कई को तो निशुल्क शिक्षा दिया जाता है, वे देश विरोधी कैसे हो सकते हैं।

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