जोधपुर के ओसियां में हुई एक परिवार के चार लोगों की हत्या के मामले में बना गतिरोध टूट गया है। प्रशासन, समाज व परिजनों के बीच हुई दूसरी वार्ता में अंतिम संस्कार पर निर्णय होने के बाद परिजनों ने शव ले लिए और 20 जुलाई को देर रात अंतिम संस्कार की सहमति बन गई।
इस शर्त पर बनी सहमति
जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता, एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव के साथ हुई वार्ता में मृतक पूनाराम के दोनों बेटों को संविदा पर नौकरी, परिवार की सुरक्षा के लिए अस्थाई चौकी खोलने, अधिकतम मुआवजे के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजने सरीखी मांगों के साथ मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में करने की सहमति बन गई। विधायक दिव्या मदेरणा ने कहा कि वे परिवार के साथ सीएम से मिलेंगी। इस सहमति के बाद परिजनों ने शव लिए और अंतिम संस्कार के लिए रवाना हुए। इस दौरान ओसियां के पूर्व विधायक भैराराम सियोल, आरएलपी के विधायक नारायण बेनीवाल, पुखराज गर्ग और इंद्रा बावरी मौजूद रहे।
एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या
गौरतलब है कि 19 जुलाई की अलसुबह ओसियां में पूनाराम, उनकी पत्नी भंवरी देवी, पुत्रवधू धापू, पोत्री मनीषा की हत्या पूनाराम के भतीजे पप्पू राम ने कर दी थी। हत्या के बाद उसने शवों को जलाने के लिए झोपड़ी में आग लगा दी थी। इस हत्याकांड से पूरा इलाका सहम गया। पुलिस ने कुछ घंटों ने ही आरोपित को पकड़ लिया। इसके बाद मौके पर पोस्टमार्टम भी हो गए, लेकिन परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया था।
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विधायक नारायण बेनीवाल ने जताई आपत्ति
गतिरोध के दौरान जब बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ, तो कई बार बाहर से आए जनप्रतिनिधियों से दूरी बनाई रखी। अंतिम वार्ता में सब शामिल हुए। जिसमें परिजनों की ओर से अधिकारियों द्वारा मांगा गया मुआवजा देने में असमर्थता जताई गई। कहा गया कि सिर्फ प्रावधानों के अनुरूप ही दे सकते हैं। इस पर परिजनों ने सहमति जता दी। खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने इस पर आपत्ति भी जताई। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने न्याय किया, वह गलत है। इस परिवार के साथ गलत हुआ। पता नहीं परिवार ने निर्णय क्यों स्वीकार किया।