26 जुलाई 2005: जल प्रलय के 18 साल, जब थम गई थी मुंबई पर हारी नहीं

आज से ठीक 18 साल पहले 26 जुलाई 2005 को आसमान से ऐसी बारिश हुई थी, जिसने मुंबई की कभी न खत्म होने वाली रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया था।

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26 जुलाई 2005 वह दिन था जब मुंबई (Mumbai) भारी बारिश (Heavy Rains) और बाढ़ (Flood) से तबाह हो गई थी। मुंबई के सारे इलाकों में हाहाकार मच गया। कुर्ला में मीठी नदी (Mithi River) के अलावा, बांद्रा पश्चिम में ‘बांद्रा तालाब’ (Bandra Pond) उफान पर था, जिससे लगातार पानी निकल रहा है और मैदानी इलाके जलमग्न हो रहे था। घटना के 18 साल बाद आज स्थानीय लोगों को एक बार फिर मुंबई बाढ़ के दौरान देखे गए भयावह अनुभव की याद आ गई।

रुक गई मुंबई
इस कदम पर बारिश ने ऐसा कहर बरपाया कि कभी न रुकने वाली मुंबई उस दिन थम गई। 1985 के बाद से सबसे अधिक वर्षा 26 जुलाई 2005 को हुई थी। पहली बार, छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और जुहू हवाई अड्डा रनवे 30 घंटे से अधिक समय तक बंद रहे। 5 मिलियन मोबाइल और 2.3 मिलियन एमटीएनएल लैंडलाइन उपयोगकर्ता चार घंटे से अधिक समय तक प्रभावित रहे, 52 लोकल ट्रेनें क्षतिग्रस्त हो गईं, 37,000 ऑटोरिक्शा क्षतिग्रस्त हो गए, 900 बेस्ट बसें क्षतिग्रस्त हो गईं।

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मुंबई में आज भी जलजमाव की समस्या
26 जुलाई को आई बाढ़ को भले ही 18 साल हो गए हों, लेकिन आज भी जब मुंबई में थोड़ी देर के लिए बारिश होती है तो कई इलाकों में पानी भर जाता है। अंधेरी सब-वे, मिलन सब-वे, सायन सर्कल ऐसे कई इलाके हैं जहां आज भी कुछ घंटों की बारिश में जलभराव हो जाता है।

गौरतलब है कि 26 जुलाई 2005 की खौफनाक बारिश और उससे होनेवाली तबाही का मंजर आज भी मुंबईकरों के जहन में ताजा है। यही वजह है कि मुंबई में जब-जब मूसलाधार बारिश होती है, लोग 2005 की बारिश को याद करके कांप उठते हैं।

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