Ration distribution corruption case: पश्चिम बंगाल के चर्चित राशन वितरण भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तारी के बाद से कोलकाता के राजकीय एसएसकेएम अस्पताल में इलाज करा रहे पूर्व खाद्य और वर्तमान में वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक (Jyotipriya Mallik) के खिलाफ ईडी (ED) के हाथ मजबूत साक्ष्य लगे हैं। अस्पताल में जब मल्लिक के केबिन से सीसीटीवी कैमरे हटाए गए तो उन्होंने राशन भ्रष्टाचार के मामले में कई जरूरी निर्देश अपने गुर्गों को देने की कोशिश की। इसके लिए अपनी बेटी को पत्र लिखा (wrote a letter to his daughter) था लेकिन वह पत्र ईडी अधिकारियों के हाथ लग गया।
पत्र में थी पैसों के लेनदेन की जानकारी
ईडी के एक अधिकारी ने सोमवार को यह भी बताया है कि उस पत्र में क्या लिखा था। ईडी सूत्रों के मुताबिक, मल्लिक ने अपनी बेटी प्रियदर्शनी मल्लिक को एक पत्र में पैसों के लेनदेन के संबंध में कुछ बातें बताई थीं। वहां बनगांव के पूर्व मेयर शंकर आध्या उर्फ ”डाकू” का नाम भी लिखा गया था। उसी पत्र के आधार पर छापेमारी की गई थी और शंकर को गिरफ्तार किया गया है।
आधी रात हुई थी शंकर की गिरफ्तारी
ईडी ने पिछले शुक्रवार को शंकर के बनगांव स्थित घर की तलाशी ली थी और उन्हें आधी रात को गिरफ्तार कर लिया गया था। अगले दिन, ईडी ने अदालत को बताया कि ”डाकू” अस्पताल में पत्रों के माध्यम से ज्योतिप्रिय के संपर्क में था। ईडी को एक पत्र मिला है। इसमें बांग्ला और अंग्रेजी में कई शब्द लिखे गए हैं। गिरफ्तार मंत्री वह पत्र अपनी बेटी को दे रहे थे तभी ईडी अधिकारियों ने पकड़ लिया।
ईडी सूत्रों के मुताबिक ज्योतिप्रिय ने पत्र में कम शब्दों में कुछ जानकारियां और निर्देश लिखे है। इसके जरिए उन्होंने बेटी को बताया कि कहां, किसके पास, कितने पैसे है। माना जा रहा है कि यह पैसा राशन ”भ्रष्टाचार” से जुड़ा है।
पत्र में शंकर के अलावा कई अन्य लोगों के नाम
ईडी सूत्रों के मुताबिक, पत्र में शंकर के अलावा कई अन्य लोगों के नाम थे। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि शंकर ने कई विदेशी मुद्रा कंपनियों के माध्यम से विदेश में 20 हजार करोड़ रुपये का लेनदेन किया था। पैसे को पहले विदेशी मुद्रा (मुख्य रूप से डॉलर) में परिवर्तित किया गया और फिर दुबई भेजा गया। ईडी का दावा है कि कम से कम नौ से 10 हजार करोड़ रुपये ज्योतिप्रिय के हैं। माना जा रहा है कि गिरफ्तार मंत्री पत्र में अपनी बेटी को उस पैसे के बारे में बताना चाहते थे। उस पत्र के आधार पर ईडी ने जांच शुरू कर दी है।(हि.स.)
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