Kangana Ranaut: बॉलीवुड अभिनेत्री (Bollywood actress) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की मंडी सीट से बीजेपी सांसद (BJP MP from Mandi seat) कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। देशद्रोह और किसानों के अपमान के मामले में कोर्ट की ओर से उनके खिलाफ नोटिस जारी (notice issued) किया गया है।
किसान आंदोलन और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर दिए गए बयान के मामले में आगरा की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट की ओर से कंगना रनौत को नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने नोटिस के जरिए कंगना रनौत से जवाब मांगा है।
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एमपी-एमएलए में केस दर्ज
कंगना के खिलाफ एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए में केस दर्ज कराया था। इसकी सुनवाई 12 नवंबर (मंगलवार) को हुई। कोर्ट ने कहा कि कंगना रनौत कोर्ट में आकर अपना पक्ष रखें। इसके लिए जज ने उन्हें नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। इस मामले को लेकर एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने कहा, “मैंने एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में बीजेपी सांसद कंगना रनौत के खिलाफ केस दर्ज कराया था। 27 अगस्त को हमने उनका एक बयान पढ़ा, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन से लेकर बांग्लादेश के हालात तक हर बात पर बात की। उन्होंने एक और बयान दिया जो 17 नवंबर 2021 को अखबारों में छपा, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी का अपमान किया।”
11 सितंबर को दायर हुआ था वाद
राजीव गांधी बार एसोसिएशन आगरा के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा की ओर से 11 सितंबर 2024 को कंगना रनौत के खिलाफ वाद दायर किया गया था। इस वाद में कहा गया था कि 27 अगस्त 2024 को कंगना रनौत ने अखबारों में छपा एक बयान पढ़ा, जिसमें अभिनेत्री ने कहा था कि अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक दिल्ली बॉर्डर पर काले कानूनों के खिलाफ जो किसान धरने पर बैठे थे, वहां हत्याएं हो रही थीं, बलात्कार हो रहे थे और अगर उस समय देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात पैदा हो जाते। वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने आरोप लगाया है कि कंगना रनौत ने देश के करोड़ों किसानों का अपमान किया है। किसानों को हत्यारा, बलात्कारी और उग्रवादी तक कहा है।
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ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि 2021 में कंगना ने किसान आंदोलन और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि गाल पर थप्पड़ खाने से भीख मिलती है, आजादी नहीं। कंगना ने कहा था कि देश को असली आजादी 2014 के बाद मिली। साथ ही किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा था कि कृषि कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन में खालिस्तानी आतंकवादी शामिल हैं। इन दोनों बयानों के बाद कंगना को जबरदस्त विरोध का भी सामना करना पड़ा था।
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