दिल्ली का कंझावला हिट एंड रन मामले का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। 9 जनवरी को सभी आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया। वहीं, दूसरी तरफ अंजलि के परिजन लगातार इस मुद्दे पर अपना आक्रोश व्यक्त करते रहे हैं। न्याय दिलाने और आरोपितों को फांसी की सजा दिलाने को लेकर परिजन लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 9 जनवरी को एक बार फिर से अंजलि के मामा और उनके जानने वाले डॉ. भूपेंद्र चौरसिया ने अपना आक्रोश व्यक्त किया। दरअसल, 9 जनवरी को अंजलि की मां के इलाज के बाद घर पहुंच कर परिजनों ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए रोष व्यक्त किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब सभी आरोपितों ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि उन्हें गाड़ी के नीचे अंजलि के फंसे होने की जानकारी थी, तो ऐसे में आरोपियों का उद्देश्य साफ जाहिर हो रहा है। इसके बावजूद पुलिस इस प्रकरण में 302 का मुकदमा दर्ज करने से आखिर क्यों कतरा रही है?
पुलिस पर आरोप
परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस की तरफ से इस मामले में लापरवाही बरतना यह साफ दर्शाता है कि पुलिस मामले में लीपापोती करने में लगी है। परिजनों ने इस मामले में गृह मंत्रालय को हस्तक्षेप करने की मांग की है।
पांच आरोपियों को 14 दिन की पुलिस कस्टडी
उल्लेखनीय है कि इससे पहले गिरफ्तार मुख्य पांच आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया था, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया था। पुलिस ने कोर्ट के सामने ये मांग रखी थी कि इस मामले में आरोपितों से पूछताछ करना बाकी है, इसीलिए उनकी पुलिस कस्टडी की जरूरत है।