Land Jihad: खुश खंडेलवाल के प्रयासों ने लाई रंग, लैंड जिहाद मामले में बालेशाह पीर दरगाह ट्रस्ट को ऐसे लगा झटका

हिंदू टास्क फोर्स के संस्थापक एडवोकेट खुश खंडेलवाल ने हाल ही में उत्तान डोंगरी इलाके में सरकारी जमीन पर लैंड जिहाद के मामले में कानूनी लड़ाई लड़ी है।

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मुंबई (Mumbai) से सटे भायंदर (Bhayandar) इलाके में अल्पसंख्यक (Minority) लोगों द्वारा अवैध कब्जे (Illegal Occupation) की कई खबरें आती रहती हैं। लेकिन, प्रशासन (Administration) इस पर क्या कार्रवाई करता है, इसके बारे में कम ही जानकारी उपलब्ध है। हाल ही में उत्तन डोंगरी (Uttan Dongri) क्षेत्र में सरकारी जमीन (Government Land) पर लैंड जिहाद (Land Jihad) के मामले में हिंदू टास्क फोर्स (Hindu Task Force) के संस्थापक एडवोकेट खुश खंडेलवाल (Advocate Khush Khandelwal) द्वारा हस्तक्षेप करने पर अपर तहसीलदार भायंदर पश्चिम (Additional Tehsildar Bhayandar West,) ने बड़ा निर्णय लिया है।

बता दें कि 2 फरवरी 2024 को अपर तहसीलदार मीरा भायंदर ने उत्तन डोंगरी के सरकारी जमीन मौजे -चौक, सर्वे न. 2 क्षेत्र-10 हजार वर्ग फीट व मौजे- तारोड़ी, सर्वे न. 37, क्षेत्र – 57 हेक्टर आर. पर कब्जा कर मैंग्रोज के पेड़ को नष्ट कर निर्मित बालेशाह पीर दरगाह ट्रस्ट का नाम 7/12 पर चढ़ाने से इनकार करते हुए अर्जी खारिज कर दिया है।

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पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत मामला दर्ज
अपर तहसीलदार कार्यालय ने यह निर्णय बलेशाह पीर दरगाह ट्रस्ट सचिव अब्दुल कादिर कुरेशी द्वारा 10 अक्टूबर 2022 को 7/12 में नाम दर्ज कराने के लिए भेजे गए आवेदन पर लिया है। अपर तहसीलदार ने दरगाह ट्रस्ट के आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि दरगाह ट्रस्टियों ने वर्ष 2020 में मैंग्रोव को नष्ट कर दिया और आर.सी.सी का बांधकाम किया है, जिसके संबंध में उनके खिलाफ उत्तान सांगरी पुलिस स्टेशन में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत मामला दर्ज किया गया है। धारा 15 (1) एवं 19 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है और ट्रस्ट द्वारा इस भूमि के स्वामित्व से संबंधित कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है।

मिल जुलकर तैयार की गई झूठी रिपोर्ट
इस पूरे मामले में एडवोकेट खुश खंडेलवाल का आरोप है कि इस मामले में पहले मंडल अधिकारी भायंदर दीपक आहिरे और तलाठी रमेश फपाले ने मिल जुलकर दरगाह ट्रस्टियों के साथ मिलकर जानबूझकर दरगाह को नियमों के अनुरूप लाने के लिए 23 अक्टूबर 2023 की झूठी रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें इस दरगाह के 10,000 वर्ग फीट से अधिक पूरे अतिक्रमण को सन 1995 के पूर्व का बताकर इसे पुराना बताया था।

इसके बाद खुश खंडेलवाल ने दिनांक 10 अप्रैल 2023 को अपनी लिखित आपत्ति दर्ज कर इस मामले में हस्तक्षेप किया था, जिसके बाद अब जाकर अपर तहसीलदार भायंदर ने निर्णय लेते हुए दरगाह ट्रस्ट का नाम 7/12 में चढ़ाने से इनकार कर उसे खारिज कर दिया है।

देखें यह वीडियो- 

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