पिछले साल 2022 में उठा महादेव ऐप (Mahadev App) का मुद्दा कई महीनों तक चर्चा में रहा था। आज भी कहीं न कहीं महादेव ऐप की खूब चर्चा हो रही है। महादेव ऐप को लेकर सरकारी जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा लगातार काफी जांच की जा रही है। फिर ईडी के निर्देश पर आईटी मंत्रालय (IT Ministry) की ओर से 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स (Illegal Betting Apps) और वेबसाइटों (Websites) पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए गए हैं। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कांग्रेस सरकार का पतन भी महादेव ऐप के कारण हुआ था। क्योंकि इस मामले में भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) का भी नाम सामने आया था और उन पर कई आरोप लगे थे। पूरी संभावना है कि इस महादेव ऐप घोटाला प्रकरण का असर अगले कुछ महीनों में लोकसभा (Lok Sabha) में भी दिखेगा।
महादेव ऐप घोटाला क्या है?
महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया एक ऐप है। इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम के लाइव गेम्स खेलते थे। ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और चुनाव जैसे खेलों में भी अवैध सट्टेबाजी की जाती थी। इस ऐप का नेटवर्क अवैध सट्टेबाजी के जरिए तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले।
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कैसे हुआ महादेव ऐप घोटाले का खुलासा?
मिली जानकारी के अनुसार, ईडी की जांच में पता चला है कि ‘महादेव ऐप’ को यूएई स्थित हेड ऑफिस से ऑपरेट किया जाता था। करोड़ों रुपये की अवैध सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी महादेव ऐप के मालिक को दुबई पुलिस ने दुबई में हिरासत में लिया था। हाल ही में इस घोटाले में एक नया मोड़ आया, 6000 करोड़ रुपये के गबन में पांच और आरोपियों के नाम शामिल किये गये।
ऐसे काम करता है महादेव ऐप
महादेव ऐप व्हाट्सएप और टेलीग्राम चैट ऐप पर कई बंद समूहों पर काम करता है, जिन्हें देश भर में सट्टेबाजों के बीच बड़े पैमाने पर साझा किया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह ऐप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल एप्प स्टोर पर उपलब्ध नहीं है। लेकिन वेबसाइट उपयोगकर्ताओं को लाइव क्रिकेट मैच एपीआई पर दांव लगाने की अनुमति देती है।
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