हिमाचल प्रदेश में मानसून के कहर से नौ की मौत, आपदा से बचने जान लें पर्यटन विभाग के परामर्श

परामर्श में कहा गया है कि बरसात में भूस्खलन और बादल फटने की आशंका है। ऐसे में जान-माल की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि कोई भी बिना अपरिहार्य कारण के घर से बाहर न निकले। पर्यटन विभाग ने लोगों से अपील की है कि केवल निर्देशित रास्तों से आवागमन करें।

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मानसून की शुरुआत में ही हो रही भारी बारिश के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी तबाही को लेकर पर्यटन विभाग ने पर्यटकों को सुरक्षित यात्रा के लिए परामर्श जारी किया है। परामर्श में कहा गया है कि बरसात में भूस्खलन और बादल फटने की आशंका है। ऐसे में जान-माल की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि कोई भी बिना अपरिहार्य कारण के घर से बाहर न निकले। पर्यटन विभाग ने लोगों से अपील की है कि केवल निर्देशित रास्तों से आवागमन करें। पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष, आर.एस. बाली ने सोमवार को एक वक्तव्य में कहा कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को विभाग की ओर से सलाह दी गई है कि वे यात्रा करते समय अपने मोबाइल की जीपीएस लोकेशन हमेशा ऑन रखें तथा मौसम की पूर्व जानकारी के अनुसार ही यात्रा आरम्भ करें।

परामर्श में कहा गया है कि विशेष रूप से पहाड़ी इलाकों में बारिश के मौसम के दौरान सड़कों के निर्माण और चौड़ा करने के कारण ऐसी प्राकृतिक घटनाएं सामान्य हैं। पर्यटकों के लिए जारी सलाह में कहा गया है कि पिछले चौबीस घंटों के दौरान राज्य में बहुत भारी वर्षा हुई। जिसके चलते कई पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली सड़कों पर भूस्खलन हुआ है। परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में सड़क मार्ग अवरुद्ध रहे हैं।

बारिश के दौरान पर्यटकों को नदियों व नालों से सटे शिविर व स्थलों पर जाने से बचने और भूस्खलन संभावित क्षेत्र में टेंट आदि न लगाने की हिदायत के साथ ही किसी भी जल क्रीड़ा राफ्टिंग व अन्य गतिविधियों में शामिल न होने की सलाह दी गई है। पर्यटन विभाग के अनुसार कुल्लू पहुंचने के लिए यातायात को चैलचौक-गोहर मार्ग पर भी मोड़ा गया है जिस कारण यातायात की गति थोड़ी धीमी है।

पिछले 48 घंटों में गई नौ की जान
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक मानसून सीजन के दौरान बीते 48 घण्टों में वर्षा जनित घटनाओं में नौ लोगों की जान गई है और 14 घायल हैं। मंडी, शिमला व सोलन में दो-दो, चम्बा, हमीरपुर व कुल्लू में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई। बाढ़ में बहने व सड़क हादसों में तीन-तीन, खाई में गिरने से दो और भूस्खलन की चपेट में आने से एक व्यक्ति ने जान गंवाई है। मानसूनी वर्षा से चार घर पूरी तरह तबाह हुए, जबकि 28 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। 16 पशुशालाएं भी ध्वस्त हुईं, वहीं 312 मवेशी मारे गए। बीते 48 घण्टों में भूस्खलन की सात, बाढ़ आने की चार और बादल फटने की एक घटना सामने आईं।

चार नेशनल हाइवे और 301 सड़कें अवरुद्ध
प्राधिकरण की रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापक वर्षा से चार नेशनल हाइवे और 301 सड़कें अवरुद्ध हैं। लोकनिर्माण विभाग के मंडी जोन में 97, शिमला जोन में 71, हमीरपुर जोन में 65 और कांगड़ा जोन में 64 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा नेशनल हाइवे अथॉरिटी के शिमला और शाहपुर में दो-दो नेशनल हाइवे भी भूस्खलन से अवरुद्ध हैं।

मानसूनी वर्षा से राज्य में 842 पेयजल स्कीमें बंद पड़ गई है। जलशक्ति विभाग के चम्बा सर्कल में सबसे ज्यादा 278, धर्मशाला सर्कल में 135, सुंदरनगर में 98, सोलन में 90, नाहन में 80, शिमला में 64, धर्मपुर में 45, कुल्लू में 21, रिकांगपिओ में 15 और बिलासपुर में 10 पेयजल स्कीमें खराब हैं।

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