राजधानी समेत पूरे देश में ‘गोल्डन ट्रायंगल’ से ड्रग्स तस्करी का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। कारोना महामारी के चलते लंबे समय तक ड्रग्स की सप्लाई बाधित रही थी, लेकिन लॉक डाउन खुलने के बाद से गोल्डन ट्रायंगल से ड्रग्स की सप्लाई तेजी से हो रही है। यह खुलासा बीते दिनों पकड़े गए ड्रग्स तस्करों ने स्पेशल सेल की पूछताछ के दौरान किया। इस खुलासे को ध्यान में रखते हुए अब पुलिस इस ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश करने में जुट गई है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारत में हेरोइन मुख्य रूप से दो जगहों से खपाई जाती है। सबसे ज्यादा हेरोइन अफगानिस्तान से भारत में भेजी जाती है। इसके बाद हेरोइन का दूसरा सबसे बड़ा सोर्स ‘गोल्डन ट्रायंगल’ ही है।
क्या है गोल्डन ट्रायंगल?
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि गोल्डन ट्रायंगल में ल्हासा, थाईलैंड और म्यांमार आते हैं। यहां उपजने वाली ड्रग्स के चलते ही इसे गोल्डन ट्रायंगल कहा जाता है। यहां बड़ी मात्रा में बेहतर क्वालिटी की हेरोइन तैयार की जाती है और उसे उत्तर पूर्वी राज्यों के रास्ते भारत के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाया जाता है।
लॉकडाउन खुलने के बाद तस्करी में आई तेजी
आरोपित ने पुलिस को बताया है कि वर्ष 2021 में लॉकडाउन खुलने के बाद से इसमें काफी तेजी आई है। लोगों के बीच ड्रग्स की मांग काफी बढ़ने लगी है। इसकी सप्लाई के लिए सभी तस्कर सक्रिय हो गए हैं। पुलिस को उसने बताया है कि वह सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कर ड्रग्स को लाता एवं सप्लाई करता था ताकि पुलिस को उसके ऊपर शक न हो।
हर महीने अरबो रुपए की तस्करी
उसने पुलिस को यह भी बताया है कि गोल्डन ट्रायंगल के माध्यम से प्रत्येक महीने अरबों रुपये की हेरोइन को भारत में खपाया जा रहा है। पुलिस यहां से ड्रग्स लेने वाले पूरे नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटा रही है।