पैंडोरा पेपर्स मामले में केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि वह इसकी जांच कराएगी। 4 अक्टूबर को भारत सरकार ने बताया कि सीबीडीटी के चेयरमैन की अध्यक्षता में कई जांच एजेंसियां मिलकर इस मामले की गहनता से जांच करेंगी। इस मामले में देश की कई बड़ी हस्तियों पर प्रश्न उठाए जा रहे हैं।
वित्र मंत्रालय ने अपने जारी बयान में पैंडोरा पेपर्स मामले की जांच कराने की जानकारी दी। बयान में कहा गया कि सरकार ने इस मामले का संज्ञान लिया है और संबंधित एजेंसियां मिलकर इस पूरे मामले की जांच करेंगी। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
मीडिया में आए कुछ भारतीयों के नाम
बता दें कि मीडिया में कुछ भारतीयों के विदेशों में अवैध संपत्ती होने के मामले उजागर हुए हैं। हालांकि अभी तक आईसीआईजे((www.icij.org) ने किसी का नाम उजागर नहीं किया है। वेबसाइट का कहना है कि जानकारी चरणों में जारी की जाएगी। जांच एजेंसियों में प्रवर्तन निदेशालय, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और एफआईयू के अधिकारी शामिल रहेंगे।
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विदेशों में अवैध संपत्ति के पेपर्स होने का दावा
बता दें कि पैंडोरा पेपर्स के नाम से लीक हुए करोड़ों की अवैध संपत्ती के दस्तावेज में भारत सहित विश्व के 91 देशों के वर्तमान और पूर्व नेताओं, अधिकारियों और मशहूर हस्तियों के वित्तीय रहस्यों को उजागर करने का दावा किया गया है। इन दस्तावेजों में मशहूर भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का भी नाम है। इनके साथ ही भारत के छह और पाकिस्तान के सात राजनेताओं के भी नाम शामिल हैं।
रिपोर्ट में दावा
इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट( आईसीआईजे) ने जारी अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि सचिन तेंदुलकर की विदेश में करोड़ों की संपत्तियां हैं। हालांकि उनके वकीलों ने इस तथ्य को स्वीकार किया है लेकिन उन्होंने दावा किया है कि उनके निवेश की जानकारी अधिकारियों के पास उपलब्ध है और वे सब वैध निवेश हैं। भारत के अन्य लोगों के बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिल पाई है।