बुल्ली बाई ऐप को लेकर सोशल मीडियो पर बहस तेज हो गई है। इस ऐप पर कथित रुप से मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड की गई हैं। बताया जा रहा है कि इसके लिए उन महिलाओं से अनुमति नहीं ली गई है। उनकी तस्वीरों के साथ प्राइस टैग लगाकर डील ऑफ द डे लिखा गया है।
बुल्ली बाई ऐप के पीछे खालिस्तानी आंदोलन के समर्थकों का हाथ बताया जा रहा है। वे गिरफ्तार खालिस्तानी आतंकियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
अकाउंट यूएसए से संचालित
ट्विटर लोकेशन स्टेट्स से पता चलता है कि यह अकाउंट यूएएसए से संचालित हो रहा है। इसे दिसंबर 2021 में गिरफ्तार किए गए जगतार सिंह जोहल उर्फ जग्गी को रिहा करने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाने के इरादे से बनाया गया है।
यह है पूरा मामला
बुल्ली बाई गिटहब नाम का एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। जैसे ही इसे खोला जाता है, सामने से एक मुस्लिम महिला का चेहरा आता है। उसका नाम बुल्ली बाई दिया गया है। ऐप में सोशल मीडिया पर मशहूर कई मुस्लिम महिलाओं के नाम का इस्तेमाल किया गया है। उसकी तस्वीर को बुल्ली बाई नाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि ट्विटर हैंडल से इसे प्रमोट भी किया जा रहा है। इस पर केवल सपोर्टर की तस्वीर लगाई गई है। ऐप पर लिखा गया है, “इस ऐप के माध्यम से मुस्लिम महिलाओं को बुक किया जाता है।”
गिटहब है क्या?
गिटबह एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म है। इससे यूजर्स एप्स क्रिएट कर उन्हें शेयर भी कर सकते हैं। गिटहब पर कोई पर्सनल या एडमिनिस्ट्रेशन नाम से ऐप बना सकता है। इसके साथ ही गिटबह मार्केटप्लेस पर अपना ऐप शेयर कर इसे बेचा भी सकता है।
खास बात
-इसे नए साल यानी 1 जनवरी 2022 को गिटहब पर बनाया गया है।
-विवाद बढ़ता देख इसे हटा लिया गया है।
-साथ ही इससे जुड़े ट्विटर अकाउंट को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
पत्रकार भी बन गईं शिकार
चर्चित महिला पत्रकार इस्मत आरा भी बुल्ली बाई का निशाना बन गईं। उन्होंने इसे नए साल की सबसे खराब शुरुआत बताई है। दिल्ली पुलिस ने मामले में संज्ञान लिया है और संबंधित अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
UPDATE: A complaint has been filed by me with the Cyber Cell of Delhi Police for immediate registration of FIR and consequent action against people behind the auctioning of Muslim women on social media. #sullideals #BulliDeals @DelhiPolice pic.twitter.com/oX3ROLEgv1
— Ismat Ara (@IsmatAraa) January 1, 2022
सुल्ली डील के बाद बुल्ली बाई
इससे पहले जनवरी 2020 में भी इसके जैसे ही नाम वाले सुल्ली डील नाम के ऐप पर विवाद हो गया था। उसे गिटहब पर बनाया गया था। उस ऐप पर भी मुस्लिम महिला की फोटे सोशल मीडिया अकाउंट से लेकर अपलोड कर दिया गया था। विवाद बढ़ने पर उनकी फोटो हटा ली गई थीं। बुल्ली बाई ऐप काफी हद तक सुल्ली बाई की तरह ही है। पिछले साल न तो इसके संचालकों की उनकी पहचान उजागर हुई थी और न ही कोई कार्रवाई की गई थी।