गुरपतवंत सिंह पन्नू वह नाम है जो एक दिन अमेरिका में भी खालिस्तान की मांग करेगा। यह ज्योतिषीय भविष्यवाणी नहीं है बल्कि पन्नू की नमक हरामी के साक्ष्य यही कहते हैं। पन्नू का परिवार पाकिस्तान से भागकर पंजाब आया था, लेकिन जिसने लूटकर उसके परिवार को भगाया उसी पाकिस्तान के आईएसआई के हाथों की कठपुतली बन गया है पन्नू।
गुरपतवंत सिंह पन्नू का जन्म अमृतसर-जंडियाला गुरु जीटी रोड पर बसे कस्बा दबूरजी के अंतिम छोर पर बसे खानकोट गांव में हुआ था। उसके पिता महिंदर सिंह विभाजन के समय पाकिस्तान से आए थे। महिंदर सिंह ‘मार्कफैड’ में नौकरी करते थे। उनके दो पुत्र थे जिसमें गुरपतवंत सिंह पन्नू और मंगवंत सिंह, दोनों ही वर्षों पहले विदेश चले गए थे। यहां से गुरपतवंत सिंह भारत के विरुद्ध अवैध गतिविधियां संचालित करता है। गुरपतवंत सिंह अमेरिका में रहता है, न्यूयॉर्क में लॉ ऑफिस चलाता है, जहां से भारत के विरुद्ध अवैध गतिविधियों संचालित होती हैं।
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आईएसआई की है कठपुतली
गुरपतवंत सिंह पन्नू पाकिस्तान द्वारा भारत के विरुद्ध चलाए जा रहे आतंकी अभियान का एक हिस्सा है। पन्नू जर्मनी में रहनेवाले आतंकी गुरमीत सिंह बग्गा का खास है। बग्गा लाहौर में रहनेवाले रंजीत सिंह नीता को ड्रोन और अन्य संसाधन उपलब्ध कराता है, जिसके माध्यम से पंजाब में हथियार, मादक पदार्थ पहुंचाए जाने की घटनाएं होती रहती हैं। सूत्रों के अनुसार अब इस नेटवर्क में पंजाब के स्थानीय अपराधियों को पैसा, मादक पदार्थ और हथियार देकर शामिल कर लिया गया है। स्थानीय अपराधी मादक पदार्थ और हथियार बेचकर जो धन प्राप्त करते हैं उसका उपयोग खालिस्तानी एजेंडो का चलाने के लिए किया दाता है।
NIA files chargesheet against seven Khalistani operatives in Hand Grenades seizure case pic.twitter.com/kxNUEcutpz
— NIA India (@NIA_India) March 22, 2021
सूत्र यह भी बतातें हैं कि, गुरपतवंत सिंह पन्नू का संबंध लंदन के लौंडेस स्क्वेयर स्थित पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों से है। इसका बड़ा साक्ष्य है 2018 में लंदन के ट्रेफेलगर स्क्वेयर में हुई खालिस्तानी समर्थकों की रैली।
इस रैली में पन्नू ने अपने आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के माध्यम से ‘रेफेरेंडम 2020’ लंदन घोषणापत्र जारी किया। इसमें वैश्विक रूप से सिखों का एक गैर बाध्यकारी जनमत (रेफेरेंडम) कराने की घोषणा की गई, जिसके माध्यम से पंजाब को भारत से अलग करने पर निर्णय होगा। हालांकि, यह जमीनी स्तर पर फेल हो गया।
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लंदन से पाकिस्तानी फंडिंग
सूत्रों के अनुसार लंदन स्थित पाकिस्तानी दूतावास में पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलिजेन्स में कर्नल स्तर के अधिकारी भारत के विरुद्ध लोगों को तैयार करने, उन्हें धन उपलब्ध कराने का कार्य करते हैं। इसमें कश्मीरी आतंक के सिमटते दायरे के बाद एक बड़ा लक्ष्य पाकिस्तान का है खालिस्तानी आतंक को पुनर्जीवित करने का। इन्हीं के इशारे पर मार्च 2019 में लंदन के बुश हाउस में कई भारतीयों पर हमले किये गए थे। इन प्रकरणों की जांच में सिख फॉर जस्टिस की भूमिका मिली थी। जिसने ये हमले पाकिस्तानी वेलफेयर काउंसिल के साथ मिलकर करवाए थे।
https://twitter.com/RATHA_RADHA/status/1104619259441733635
भारत सरकार ने की कड़ी कार्रवाई
केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 को अगस्त 2019 में संशोधन किया। जिसके अंतर्गत यह प्रावधान किया गया किया जो भी व्यक्ति देश के विरोध में कार्य करता है, उसे आतंकी घोषित किया जाए। इसके अलावा घोषित आतंकी की भारत में संपत्तियों को जब्त किया जाए।
इस कानून के अंतर्गत केंद्र सरकार ने 9 खालिस्तानी आतंकियों को आतंकी घोषित कर दिया। इसमें सातवें क्रमांक पर गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम था।
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भूमि हुई जब्त
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमृतसर में दो ठिकानों पर जो पुस्तैनी भूमि थी उसे 8 सिंतबर 2020 को जब्त कर लिया। अमृतसर के खानकोट में उसकी 46 कनाल और 11 कनाल 13.5 मरियास जमीन सुल्तानविंड सबर्बन भैनीवाल में थी। यह कार्रवाई धारा 51-ए के अंतर्गत प्रतिबंधित गतिविधि (रोकथाम) (यूएपीए) कानून 1967 के अंतर्गत की गई थी।
Govt. Orders Attachment of Immovable Properties of Designated Terrorists Gurpatwant Singh Pannu and Hardeep Singh Nijjar pic.twitter.com/7mOpa7UEkb
— NIA India (@NIA_India) September 8, 2020
अब मुद्दा यही है कि जो चंद पैसों के लिए अपने ही देश के विरुद्ध द्रोह कर दे वह अमेरिका या अन्य देश का क्या होगा?
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