Kolkata rape and murder case: मंगलवार, 20 अगस्त 2024 को कोलकाता रेप केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज पर हुए हमले पर चिंता जताई। 15 अगस्त की रात करीब 7,000 लोगों ने महिला ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज पर धावा बोल दिया था। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने राज्य सरकार और पुलिस की लापरवाही पर भी सवाल उठाए। उन्होंने राज्य सरकार से सवाल किया कि जब इतना बड़ा विरोध प्रदर्शन हो रहा हो तो ममता सरकार इतनी बेखबर कैसे हो सकती है। साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील कपिल सिब्बल को भी फटकार लगाई गई।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष हुई। ममता बनर्जी सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए। उन्होंने कहा कि अस्पताल के बाहर 150 पुलिसकर्मी मौजूद थे, लेकिन जब 7,000 से ज्यादा लोगों ने हमला कर दिया तो और सैनिकों की जरूरत पड़ी। जब तक और सैनिक पहुंचे, घटना ख़त्म हो चुकी थी।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने क्या कहा?
बार एंड बेंच के मुताबिक, कपिल सिब्बल की दलील पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘सिब्बल ये बहुत गंभीर मामला है…सीसीटीवी फुटेज से 37 लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार इतनी बेखबर कैसे हो सकती है, क्या उन्हें इस बात का एहसास नहीं था कि जब इतना बड़ा विरोध होगा तो कोई और विभाग होगा, जो आकर इस पिटाई को रोकने की कोशिश करेगा। महिला डॉक्टर से बहस के बाद पुलिस वहां से भाग निकली। आंदोलन का नेतृत्व करने वाली महिला डॉक्टरों को बदनाम किया गया और प्रशिक्षु महिला डॉक्टरों जैसा ही हश्र करने की धमकी दी गई। तब पुलिस वहां क्या कर रही थी?
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि कहा जा रहा है कि भीड़ ने योजनाबद्ध तरीके से पुरुष और महिला डॉक्टरों पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि महिला डॉक्टर की ओर से वकील अपराजिता सिंह ने ईमेल के हवाले से पूरी घटना बताई है। यह ईमेल आरजी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर ने 19 अगस्त को भेजा था। वहां 700 डॉक्टर रहते हैं, लेकिन अब केवल 100 ही बचे हैं क्योंकि बाकी घटना के कारण वहां से चले गए हैं। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा का इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।
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