Kolkata Rape-Murder Case: सामूहिक बलात्कार के आरोपों पर सीबीआई का बड़ा दावा, जानें क्या कहा

जांच अब अपने “अंतिम चरण” में है, तथा एजेंसी जल्द ही आरोप दायर करने के लिए तैयार है।

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Kolkata Rape-Murder Case: एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) ने कोलकाता (Kolkata) के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (RG Kar Medical College and Hospital) में प्रशिक्षु डॉक्टर (trainee doctors) की जघन्य हत्या और बलात्कार के मामले (heinous murder and rape cases) में सामूहिक बलात्कार की संभावना से इनकार किया है और मामले में एकमात्र संदिग्ध के रूप में संजय रॉय की पहचान की है।

अज्ञात सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि उपलब्ध साक्ष्य केवल संजय रॉय को ही दोषी ठहराते हैं और जांच अब अपने “अंतिम चरण” में है, तथा एजेंसी जल्द ही आरोप दायर करने के लिए तैयार है।

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सीबीआई की प्रगति रिपोर्ट
कोलकाता पुलिस से केस अपने हाथ में लेने वाली सीबीआई कथित तौर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दबाव में भी है, जिन्होंने पिछले हफ़्ते एजेंसी की धीमी प्रगति की आलोचना की थी। ममता बनर्जी ने पहले कहा था, “वे न्याय नहीं चाहते। वे देरी चाहते हैं। 16 दिन हो गए हैं, न्याय कहां है?” राज्य के मंत्री ब्रत्य बसु ने भी सीबीआई की प्रगति रिपोर्ट की कमी की ओर इशारा किया और कहा कि कोलकाता पुलिस ने मामले पर नियमित अपडेट दिए।

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मेडिकल रिपोर्ट जांच
रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई ने आरोपी के डीएनए के साथ एक मेडिकल रिपोर्ट जांच के लिए दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को भेज दी है तथा परिणाम प्राप्त होने के बाद वे अपनी रिपोर्ट पूरी कर लेंगे। सीबीआई ने कथित तौर पर यह भी निष्कर्ष निकाला है कि 9 अगस्त को प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए भयानक बलात्कार और हत्या में संजय रॉय के अलावा कोई और शामिल नहीं था।

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10 पॉलीग्राफ़ टेस्ट
जांच एजेंसी ने अब तक 100 से ज़्यादा बयान दर्ज किए हैं और 10 पॉलीग्राफ़ टेस्ट किए हैं। उन्होंने डॉ. संदीप घोष पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप भी लगाए हैं, जो घटना के समय आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल थे। आरजी कर अस्पताल के इर्द-गिर्द वित्तीय धोखाधड़ी और रैकेटिंग के मामले में तीन गिरफ़्तारियाँ की गई हैं, लेकिन महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में अभी तक कोई निर्णायक गिरफ़्तारी नहीं हुई है। इस मामले ने काफ़ी आक्रोश पैदा किया है, डॉक्टरों और नागरिकों ने न्याय की मांग करते हुए देश भर में विरोध प्रदर्शन किए हैं।

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