Kolkata rape-murder case: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने 17 सितंबर (मंगलवार) को पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) को उसके उस अधिसूचना पर फटकार लगाई (reprimanded), जिसमें राज्य संचालित अस्पतालों (state-run hospitals) को महिला डॉक्टरों (women doctors) को रात्रि पाली (night shift) में नहीं रखने का निर्देश दिया गया था। न्यायालय ने कहा कि उन्हें सुरक्षा चाहिए, रियायत नहीं।
बंगाल सरकार ने 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के मद्देनजर अधिसूचना जारी की थी।
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वकील कपिल सिब्बल से पूछा…
बलात्कार-हत्या मामले की स्वत: संज्ञान लेते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि वह महिला डॉक्टरों की संख्या सीमित क्यों करना चाहती है। इंडिया टुडे के अनुसार, उन्होंने कहा, “आप यह कैसे कह सकते हैं कि महिलाएं रात में काम नहीं कर सकतीं? महिला डॉक्टरों की संख्या सीमित क्यों की गई? वे रियायत नहीं चाहतीं…महिलाएं एक ही शिफ्ट में काम करने के लिए तैयार हैं।” उन्होंने कपिल सिब्बल से इस मुद्दे पर बात करने को कहा।
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उचित सुरक्षा उपाय प्रदान
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का समाधान उचित सुरक्षा उपाय प्रदान करना है। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार को अधिसूचना में संशोधन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “सुरक्षा प्रदान करना आपकी जिम्मेदारी है; आप महिलाओं को रात में काम करने से नहीं रोक सकते। पायलट, सेना के जवान और अन्य लोग रात के समय काम करते हैं।” सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया से पीड़िता का नाम अपने प्लेटफॉर्म से हटाने को कहा।
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कोलकाता के सरकारी अस्पताल में क्या हुआ?
महिला 36 घंटे की अपनी थकाऊ शिफ्ट के बाद अस्पताल के सेमिनार रूम में सोने चली गई थी। 9 अगस्त की सुबह उसके साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने संजय रॉय नामक एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया। बाद में मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। हजारों जूनियर डॉक्टर इस जघन्य अपराध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
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ममता बनर्जी और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के बीच समझौता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के बीच सोमवार को समझौता हो गया। उन्होंने डॉक्टरों की मुख्य मांग मान ली – पुलिस आयोग, एक डीसीपी और दो वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाना। हालांकि, वह स्वास्थ्य सचिव को हटाने पर सहमत नहीं हुईं। कपिल सिब्बल ने आज अदालत को बताया कि बनर्जी ने डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि काम पर लौटने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक या प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी।
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