आंध्र प्रदेश में कोनासीमा जिले का नाम बदलकर डॉ. बी.आर. अंबेडकर कोनासीमा करने के प्रस्ताव के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन मामले में पुलिस ने अब तक 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल जिलेभर में इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया है और जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें।
दूसरी ओर 25 मई शाम को कोनासीमा साधना समिति के नेतृत्व में एक जनसभा का आयोजित की गई थी। जिसको लेकर पुलिस जगह-जगह तैनात थी। इस बीच अमलापुरम के निकट रावला पालम में उस वक्त तनाव की स्थित पैदा हो गई जब सहायक पुलिस आयुक्त ऐश्वर्या रस्तोगी के वाहन पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा।
24 मई को कोनासीमा जिला साधना समिति के तत्वावधान में सैकड़ों लोगों ने चलो कोनासीमा मार्च निकाला था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। इस झड़प में पुलिस और प्रदर्शनकारी दोनों तरफ से लोग घायल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने अमलापुरम में घंटाघर केंद्र, मुम्मिडीवरम गेट और अन्य स्थानों पर आंदोलन किया था और परिवहन निगम की बसों को आग के हवाले कर दिया था।
बता दें कि हिंसा का कारण यह रहा कि 4 अप्रैल को नए कोनासीमा जिले को तत्कालीन पूर्वी गोदावरी से अलग किया गया था, जिसका मुख्यालय अमलापुरम था। 12 अन्य जिले भी बनाए गए, जिससे राज्य में कुल जिलों की संख्या 26 हो गई। पिछले हफ्ते राज्य सरकार ने एक प्रारंभिक अधिसूचना जारी कर कोनासीमा का नाम बदलकर बी.आर. अंबेडकर कोनासीमा जिले के रूप में करने की बात कहते हुए लोगों से आपत्तियां आमंत्रित की थी। इस पर कोनासीमा साधना समिति ने जिले के प्रस्तावित नामकरण पर आपत्ति जताई और वह चाहती थी कि कोनासीमा नाम को बरकरार रखा जाए। समिति ने 24 मई को धरना दिया और नाम बदलने के खिलाफ जिलाधिकारी हिमांशु शुक्ला को ज्ञापन सौंपने की प्रयास में हिंसा बड़की।
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