सर्वोच्च न्यायालय ने 18 अगस्त को डोरंडा कोषागार मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया। माममला चारा घोटाले से संबंधित है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने चारा घोटाला मामले में सीबीआई की नई याचिका पर 25 अगस्त को सुनवाई करेगी।
पांच चारा घोटाले में दोषी
सीबीआई ने करोड़ों रुपये के चारा घोटाले (दुमका, चाईबासा, डोरंडा, देवगढ़ कोषागार) से संबंधित चार मामलों में राजद अध्यक्ष लालू यादव को जमानत देने के झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी। लालू को झारखंड के देवघर, दुमका, चाईबासा और डोरंडा कोषागार से धोखाधड़ी से पैसे निकालने से संबंधित पांच चारा घोटाले मामलों में दोषी ठहराया गया था।
पांचवें घोटाले में पांच साल जेल की सजा
पांचवें चारा घोटाले के सिलसिले में रांची की एक विशेष सीबीआई न्यायालय ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को पांच साल जेल की सजा सुनाई थी और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जांच एजेंसी के अनुसार, घोटाले की अवधि के दौरान यादव के पास अविभाजित बिहार( बिहार और झारखंड) का वित्त विभाग था और उन्हें पशुपालन विभाग के माध्यम से कथित तौर पर रिश्वत दी गई थी।
950 करोड़ का घोटाला
-इसी वर्ष फरवरी में सीबीआई के विशेष न्यायालय ने चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया था बिहार के मुख्यमंत्र लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान मवेशियों के चारे और अन्य आवश्यकताओं पर फर्जी खर्च दिखाकर सरकारी खजानों से 950 करोड़ रुपये की अवैध निकासी गई थी।
-डोरंडा कोषागार मामले में 99 आरोपियों में से 24 को बरी कर दिया गया, जबकि 46 आरोपियों को पिछले हफ्ते ही तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
-74 वर्षीय लालू यादव को इससे पहले झारखंड में दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से संबंधित चार अन्य मामलों में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
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