Land Jihad in Bhayandar: मुंबई से सटे भायंदर के उत्तन डोंगरी क्षेत्र में कथित रूप से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए हज़रत सय्यद बालेशाह पीर दरगाह(Hazrat Syed Baleshah Peer Dargah) के विरुद्ध दायर जनहित याचिका को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय(Bombay High Court) ने राज्य सरकार और संबंधित सभी अधिकारियों को नोटिस जारी(Notice to the state government and all concerned officials) कर उनसे जवाब मांगा है।
अधिवक्ता खुश खंडेलवाल ने दायर की है याचिका
मुंबई हिन्दू टास्क फोर्स के संस्थापक अधिवक्ता खुश खंडेलवाल ने मुंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर, उत्तन डोंगरी भायंदर (पश्चिम) स्थित हजरत सय्यद बालेशाह पीर दरगाह को अवैध बताया है। उन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कथित रूप से सरकारी जमीन सर्वे न. 2 व 37 पर अतिक्रमण कर मैंग्रोवस को नष्ट कर दरगाह बनाए जाने का आरोप लगाया है। खंडेलवाल ने याचिका में अवैध निर्माण करीब 70,000 हजार फुट को तोड़ने की मांग की है।
सभी संबंधित विभागों को भेजा नोटिस
खुश खंडेलवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय की खंडपीठ के मुख्य न्यायाधीश व मा. और न्यायाधीश आरिफ डॉक्टर ने सुनवाई कर राज्य सरकार, जिलाधिकारी ठाणे, अपर तहसीलदार मीरा भायंदर, मीरा भायंदर मनपा आयुक्त, पुलिस आयुक्त MBVV तथा बालेशाह पीर दरगाह ट्रस्ट के साथ ही राज्य सरकार व सभी संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
Lok Sabha Elections 2024: भाजपा की सातवीं सूची जारी, अमरावती से नवनीत राणा को मिला टिकट
तहसीलदार पर आरोप
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमृत जोशी और अधिवक्ता प्रतीक कोठारी ने न्यायालय को बताया कि वर्ष 2020 में तत्कालीन अपर तहसीलदार मीरा भायंदर नंदकिशोर देशमुख ने उपरोक्त सरकारी जमीन के निरीक्षण के आदेश दिए थे। उस स्थल की निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार उस समय बालेशाह पीर दरगाह ट्रस्ट के ट्रस्टियों द्वारा 10,000 चौ फुट से अधिक मैंग्रोवेस को नष्ट कर दरगाह/मस्जिद का RCC अवैध निर्माण किया गया था। इस अवैध निर्माण को तुड़वाने के लिए याचिकाकर्ता ने 28 दिसंबर 2023 को जिलाधिकारी ठाणे और अपर तहसीलदार मीरा भायंदर को शिकायत प्रेषित की थी, हालांकि आज तक संबंधित अधिकारियों ने याचिकाकर्ता की शिकायत पर कोई भी तोड़क कार्यवाही नहीं की है।
राज्य सरकार और ट्रस्ट और संबंधित अधिकारियों से मांगा जवाब
27 मार्च को मुंबई न्यायालय ने सुनवाई के बाद नोटिस जारी कर राज्य सरकार व संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है। इस जनहित याचिका की अगली सुनवाई 24.04.2024 को होनी है।