शिमला (Shimla) में बारिश-बर्फ़बारी (Rain and Snowfall) के बाद भूस्खलन (Landslide) की घटना सामने आई है। एक स्टोन क्रशर (Stone Crusher) के शेल्टर (Shelter) पर पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ। इस शेल्टर में सो रहे बिहार के दो मजदूर (Laborers) भूस्खलन से दब गए और इनकी मौत हो गई। दोनों मजदूरों के शव निकाल लिए गए हैं। इस हादसे में वहां मौजूद पांच अन्य मजदूर बाल-बाल बच गए। मृतकों की पहचान 31 वर्षीय राकेश पुत्र राम बिलास और 40 वर्षीय राजेश पुत्र जोगिंदर राम के रूप में हुई है। दोनों बिहार (Bihar) के समस्तीपुर जिला के गोरायें गांव के रहने वाले थे।
घटना छोटा शिमला थाना के अंतर्गत अश्वनि-जुन्गा मार्ग के समीप अश्वनि खड्ड में लगे स्टोन क्रशर के पास सामने आई।
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लैंडस्लाइड से हड़कंप मच गया
पुलिस के अनुसार, क्रशर की लेबर के लिए एक शेल्टर बनाया गया था। वहां सात मजदूर रह रहे थे। पहाड़ी से भारी लैंडस्लाइड आया और शेल्टर को तबाह कर दिया। करीब मंगलवार सुबह तड़के चार बजे हुए इस लैंडस्लाइड से हड़कंप मच गया। शेल्टर पर भारी भरकम चट्टाने गिरने से मजदूरों को मौके से भागने का वक्त नहीं मिला, जिससे दो मजदूर भारी-भरकम पत्थरों की चपेट में आकर दब गए। वहीं पांच अन्य मजदूरों ने भागकर जान बचाई। हादसे के तुरंत बाद पुलिस व प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची और राहत व बचाव कार्य शुरू किया।
एसपी शिमला संजीव गांधी ने मंगलवार को बताया कि दो मजदूरों की दबने से मौत हुई है। पांच को बचा लिया गया है। मृतक मजदूरों की शिनाख्त कर ली गई है। इनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रथम दृष्टतया यह लैंडस्लाइड के कारण हादसा सामने आया है औऱ इसकी जांच की जा रही है।
दो हफ्ते पहले हाइवे किनारे ध्वस्त हुआ था पांच मंजिला मकान
शिमला में दो हफ्ते में भूस्खलन की यह दूसरी बड़ी घटना है। बीते 20 जनवरी को शिमला के ग्रामीण क्षेत्र की ग्राम पंचायत घंडल के पास नेशनल हाईवे पर एक पांच मंजिला मकान अचानक जमींदोज हो गया था। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था। दरअसल डिग्री कॉलेज 16 मिल के पास नेशनल हाईवे पर प्लॉट काटे जा रहे हैं। इस वजह से वहां सड़क और घरों में दरारें बन रही है। इस भवन के धराशायी होने से धामी कॉलेज बिल्डिंग के एक हिस्से में भी दरार आ गई थी। जमींदोज हुए भवन में एक पेइंग गेस्ट हाउस चल रहा था।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में आये दिन भूस्खलन की घटनाएं सामने आती रहती हैं। खासतौर पर मानसून में यहां भूस्खलन के मामले बढ़ जाते हैं। शिमला में बीते साल मानसूनी आपदा ने भारी कहर बरपाया था। आपदा में कई लोगों की मौत हुई। शिमला के एडवांस स्टडीज में पहाड़ी दरकने से समरहिल स्थित शिव पाबड़ी मंदिर पूरी तरह तबाह हो गया था। इस घटना में 20 लोगों की मौत हुई थी।
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