Lavasa Project: ईडी के रडार पर शरद पवार के लवासा प्रोजेक्ट को खरीदने वाली कंपनी, जानें पूरा प्रकरण

दिवालिया लवासा प्रोजेक्ट को अजय सिंह की डार्विन कंपनी ने खरीद लिया था। लवासा परियोजना पुणे जिले के मुलशी तालुका में स्थापित की गई है। देश का पहला निजी हिल स्टेशन 12,500 एकड़ भूमि पर स्थापित किया गया है।

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Lavasa Project: पुणे (Pune) में शरद पवार (Sharad Pawar) का पहला हिल स्टेशन लवासा प्रोजेक्ट (Lavasa Project) संकट में है। एक समय यह प्रोजेक्ट काफी लोकप्रिय था। अब ये प्रोजेक्ट एक बार फिर चर्चा में है। इस प्रोजेक्ट को खरीदने वाली कंपनी के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। ईडी ने दिल्ली, मुंबई, गोवा और अन्य स्थानों पर नौ स्थानों पर कंपनी के कार्यालयों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में 78 लाख रुपये नकद और 2 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा जब्त की गई है।

परियोजना के दिवालिया हो जाने पर नीलामी
दिवालिया लवासा प्रोजेक्ट को अजय सिंह की डार्विन कंपनी ने खरीद लिया था। लवासा परियोजना पुणे जिले के मुलशी तालुका में स्थापित की गई है। देश का पहला निजी हिल स्टेशन 12,500 एकड़ भूमि पर स्थापित किया गया है। हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा बनाया जा रहा यह प्रोजेक्ट मुश्किल में पड़ गया। तब डार्विन कंपनी इस प्रोजेक्ट को लेने के लिए आगे आई।

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एमसीएलटी द्वारा अनुमोदन
मुंबई स्थित डार्विन ग्रुप ने लवासा का अधिग्रहण करने के लिए 1,814 करोड़ रुपये की बोली लगाई। लेकिन चूंकि परियोजना दिवालिया हो गई, इसलिए इसे एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) की मंजूरी की आवश्यकता थी। डार्विन ग्रुप ने एमसीएलटी द्वारा अनुमोदन के बाद जुलाई 2023 में इस परियोजना को शुरू किया। लवासा प्रोजेक्ट लेनदेन के बाद, डार्विन समूह आठ वर्षों में बैंकों और घर खरीदारों को 1,814 करोड़ रुपये का मुआवजा देगा। बैंकों का 929 करोड़ बकाया। साथ ही घर खरीदने वाले लोगों को 438 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

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