गांधीनगर सेशन्स कोर्ट ने मंगलवार सूरत में बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए गए आसाराम को आजीवन कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सूरत की पीड़ित युवती को 50 हजार रुपये का मुआवजा चुकाने का भी आदेश दिया है।
दरअसल, सोमवार को गांधीनगर सेशंस कोर्ट में आसाराम को सूरत की एक युवती से बलात्कार का दोषी ठहराया था। इसमें मामले में आसाराम की बेटी और पत्नी समेत छह आरोपितों को अदालत ने निर्दोष करार दिया था। इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आसाराम को कोर्ट में हाजिर किया गया।
दलीलें पूरी होने के बाद सुनाई गई सजा
31 जनवरी की सुबह केस में सजा तय करने की दलीलें पूरी होने के बाद कोर्ट ने दोपहर बाद आसाराम को आजीवन कैद की सजा सुनाई। आसाराम को धारा 376 के तहत आजीवन कैद और 10 हजार रुपये का जुर्माना, 377 धारा के तहत आजीवन कैद और 10 हजार रुपये का जुर्माना, 354 के तहत एक साल की जेल और एक हजार रुपये का जुर्माना, 357 के तहत 1 साल की जेल, 506 (2) के तहत एक साल की जेल और 342 के तहत 6 महीने की जेल की सजा सुनाई है। आसाराम जोधपुर जेल में एक अन्य युवती से बलात्कार मामले में पिछले नौ साल से जेल में बंद हैं। सरकारी वकील आर सी कोडेकरे ने बताया कि इस केस में दोषित को महत्तम सजा के लिए सभी संभव कोशिश की गई। आसाराम के वकील ने कहा कि इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
यह है पूरा मामला
सूरत में रहने वाली दो बहनों ने वर्ष 2013 में आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज कराया था। दोनों ने वर्ष 1997 से 2006 के दौरान अहमदाबाद के मोटेरा आश्रम में आसाराम पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया गया था। इन दो बहनों में बड़ी बहन ने आसाराम और छोटी बहन ने नारायण साईं के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी। बड़ी बहन की शिकायत को गांधीनगर ट्रांसफर किया गया था। इसके बाद आसाराम के विरुद्ध गांधीनगर सत्र न्यायालय में सुनवाई हो रही थी।
अगस्त महीने में वीडियो कांफ्रेंसिंग से दर्ज हुआ था बयान
आसाराम के विरुद्ध गांधीनगर कोर्ट में चल रहे मामले में पिछले साल अगस्त महीने में आसाराम समेत सभी आरोपियों को फरदर स्टेटमेंट लिया गया था। इसमें जोधपुर जेल में बंद आसाराम वीडियो कॉन्फरेंस के माध्यम से गांधीनगर सेशंस कोर्ट में हाजिर हुआ था। बाद में कोर्ट कमीशन ने जोधपुर कोर्ट में जाकर आसाराम का हस्ताक्षर भी लिए थे।
इन सात पर लगे थे आरोप
बलात्कार मामले में पीड़िता ने आसाराम के अलावा अन्य छह अन्य लोगों को आरोपित बनाया था। इसमें आसाराम की बेटी भारती, पत्नी लक्ष्मीबेन, निर्मलाबेन लालवाणी उर्फ ढेल, मीराबेन कालवाणी, ध्रुवबेन बालाणी, जसवंतीबेन चौधरी के नाम शामिल थे। कोर्ट ने आसाराम को दोषी ठहराते हुए बाकी छह आरोपितों को दोषमुक्त किया । आसाराम की पत्नी और बेटी सहित छह अन्य सह आरोपितों पर उकसाने, बंधक बनाने और साजिश रचने के आरोप लगा था। आसाराम के खिलाफ दर्ज शिकायत को अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दिया गया क्योंकि घटना वहां के आश्रम में हुई थी।