Uttar Pradesh: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Chief Minister Yogi Adityanath) ने 2 मार्च को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद(Uttar Pradesh State Road Safety Council) की बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश(Effective control on road accidents) लगाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश(Guidelines) दिए। इस दौरान संबंधित विभागों के मंत्री, शासन स्तर के अधिकारी, सभी मंडलों के मंडलायुक्त, सभी जनपदों के जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर एवं पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश की सड़क दुर्घटनाओं के वार्षिक आंकड़ों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 में 46052 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें 34600 लोग घायल हुए हैं, जबकि 24 हजार से अधिक मौतें हुई हैं, जो कि अत्यंत दुखद है। इसे हर हाल में न्यूनतम करना होगा। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय बनाकर सामूहिक प्रयासों के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करें। साथ ही प्रदेश के सभी मार्गों पर ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उन्हें ठीक कराएं।
एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर अस्पताल की व्यवस्था का आदेश
मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों के उपचार के विषय में चिंता करते हुए कहा कि सभी एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ फूड प्लाजा की तरह अस्पताल की व्यवस्था करें। साथ ही सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रामा सेंटर, एंबुलेंस एवं ट्रेंड स्टाफ की तैनाती भी सुनिश्चित की जाए।
20 जनपदों में अधिक हादसे
वर्ष 2024 में प्रदेश के 75 जनपदों हुई दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा 20 जनपदों- हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बुलन्दशहर, कानपुर नगर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ और बिजनौर में जनहानि हुई है। प्रदेश में कुल हुई दुर्घटना मृत्यु में 42 प्रतिशत इन जनपदों से है। उन्होंने इसको नियंत्रित करने के लिए दुर्घटना के कारकों को खोजने एवं लोगों में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने का निर्देश दिया।
बैठकों पर संतोष
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि जनपद स्तर पर प्रत्येक माह एवं मंडल स्तर पर त्रैमासिक मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक अनिवार्य रूप से हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश के छह मंडलों अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, आजमगढ़, सहारनपुर एवं आगरा मंडल में पिछले वर्ष सिर्फ एक ही बैठक हुई है, जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है। बस्ती, लखनऊ, गोरखपुर और मिर्जापुर में हुई चार बैठकों पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया।
योगी ने वर्ष 2024 में जिला सड़क सुरक्षा समिति की कम बैठक करने वाले जनपदों बलरामपुर, फिरोजाबाद, गोंडा, चंदौली, व जौनपुर को निर्देशित करते हुए कहा कि इन जनपदों में इसी सप्ताह बैठक हो जानी चाहिए। उन्होंने 10 या उससे अधिक बैठक करने वाले 38 जनपदों को निर्देशित करते हुए कहा कि शासन द्वारा जारी एसओपी के आधार पर ये जनपद भी जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित करें।
अपघात के कारण
उन्होंने कहा कि ओवर स्पीडिंग, ड्रिंक एंड ड्राइव, गलत साइड पर गाड़ी चलाना, जंपिंग रेड लाइट एवं मोबाइल फोन का उपयोग सड़क दुर्घटना घटित होने के मुख्य कारक हैं। इसके लिए लोगों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग अपने स्कूलों एवं कॉलेजों में सड़क सुरक्षा से संबंधित विभिन्न गतिविधियों को आयोजित कर जागरूकता फैलाए। साथ ही उन्होंने बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों के पाठ्यक्रम में ट्रैफिक के नियमों को जोड़ा जाए।
एक्सप्रेस-वे एवं हाइवे के किनारे शराब की दुकानें बिल्कुल न हो। उन्होंने कहा कि अक्सर यह देखा गया है कि शराब की दुकानों के साइनेज बहुत बड़े होते हैं, इन्हें छोटा किया जाए। बिना परमिट की बसें सड़कों पर न चलने पाएं। डग्गामार वाहनों एवं ओवरलोडेड ट्रकों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करें। दूसरे प्रदेश से आने वाले बिना परमिट के वाहनों को बॉर्डर पर रोकें। ट्रासंपोर्ट एसोसिएशन एवं व्हीकल एसोसिएशन से संवाद स्थापित कर यह सुनिश्चित कराएं कि लंबी दूरी के वाहनों पर दो ड्राइवर हों।
पेट्रोलिंग वाहन और एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्सप्रेस-वे एवं हाइवे पर क्रेन, पेट्रोलिंग वाहन और एंबुलेंस की संख्या बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एनएचएआई की 93 सड़कें हैं, इनमें से सिर्फ चार सड़कों पर कैमरे लगे हैं, बाकी सड़कों पर भी कैमरे लगाएं। अक्सर यह देखा गया है कि सड़क पार करते समय भी बहुत सी दुर्घटनाएं हो जाती हैं, इसके दृष्टिगत एनएचएआई की बहुत सी सड़कों पर फुट ओवर ब्रिज की आवश्यकता है, स्थानों को चिन्हित कर उनका भी निर्माण कराएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी प्रमुख मार्गों पर सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित साइनेज अवश्य लगाएं।
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ई रिक्शा ड्राइवर का वैरिफिकेशन आवश्यक
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में यह देखने को मिलता है कि नाबालिग बच्चे ई रिक्शा चला रहे हैं। इस पर प्रभावी अंकुश लगाएं। साथ ही सभी ई रिक्शा ड्राइवर का वैरिफिकेशन अवश्य कराएं। उन्होंने कहा कि आरटीओ ऑफिस को बिचौलियों से पूर्णतः मुक्त रखें, इसके लिए समय-समय पर रैंडम चेकिंग अभियान चलाएं। सड़क जाम एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। ट्रैफिक के सुचारू संचालन के लिए प्रदेश में प्रयाप्त मैनपॉवर उपलब्ध है। आवश्यकता पड़ने पर सिविल पुलिस, पीआरडी और होमगार्ड के जवानों को ट्रेनिंग देकर ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाएं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों, स्कूलों एवं मुख्य बाजारों के बाहर टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर का निर्माण कराएं।