Liquor ban: मध्य प्रदेश के पवित्र घोषित नगरों -कस्बों में नहीं बिकेगी शराब, इस तिथि से लागू होगा नियम

मध्य प्रदेश सरकार के इस निर्णय के अनुसार भगवान राम की नगरी से लेकर शिव और शक्‍ति की नगरी तक शराब दुकानों एवं बार को बंद किया जा रहा है।

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Liquor ban: मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) में घोषित किए गए पवित्र नगरों(Holy Cities) में कल यानि 1 अप्रैल से शराब नहीं मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव(Chief Minister Dr. Mohan Yadav) द्वारा प्रदेश के 19 धार्मिक नगरों एवं ग्राम पंचायतों में की गई शराब बंदी की घोषणा(Announcement of liquor ban) पर 1 अप्रैल से अमल शुरू हो जायेगा। मुख्यमंत्री ने लोकमाता अहिल्याबाई(Lokmata Ahilyabai) की नगरी महेश्वर(Maheshwar) में 24 जनवरी, 2025 को हुई कैबिनेट की बैठक(Cabinet meeting) में इस प्रस्ताव को मंजूरी(Proposal approved) दी थी।

इन पवित्र शहरों मे नहीं मिलेगी शराब
मध्य प्रदेश सरकार के इस निर्णय के अनुसार भगवान राम की नगरी से लेकर शिव और शक्‍ति की नगरी तक शराब दुकानों एवं बार को बंद किया जा रहा है। डॉ. मोहन यादव की सरकार श्रीराम के नगर चित्रकूट और ओरछा, भगवान महादेव के पवित्र नगर उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मण्डलेश्वर, मंदसौर, खजुराहो, अमरकंटक की सम्पूर्ण नगरीय सीमा से लेकर शक्‍ति उपासना स्‍थल मैहर, दतिया, सलकनपुर, समेत पन्ना, मण्डला, मुलताई, कुण्डलपुर, बांदकपुर, बरमानकलां, बरमानखुर्द और लिंगा की ग्राम पंचायत सीमा में समस्त शराब (मदिरा) की दुकानों एवं बार के नए लाइसेंस नहीं देगी। प्रदेश इन 19 नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों को पूर्णतः पवित्र घोषित करते हुए पूर्ण शराब बंदी लागू की गई है।

सीएम की नई आबकारी नीति
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नई आबकारी नीति को लेकर बताया यही जा रहा है कि यह निर्णय पिछले साल जनवरी में ही कर लिया गया था। इस नीति के तहत न केवल शराब की दुकानों की संख्या में कमी की जाएगी बल्कि इन क्षेत्रों में शराब के सेवन को भी नियंत्रित किया जाएगा। जहां भक्‍तगण देव आराधना के लिए देश और दुनिया से बड़ी संख्‍या में आते हैं, वहां का वातावरण भक्तिमय रहे, सरकार की यही मंशा है। इस नीति में स्‍पष्‍ट किया गया है दुकानें और बार बंद कर दिए जाएंगे। हालांकि शराब पीने पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। यानि जो लोग इसके सेवन के आदि हैं, वे लोग अपनी व्यक्तिगत जरूरतों के लिए शराब अपनी आवश्यकता के अनुसार अपने घर में रख सकते हैं। व्यक्तिगत आवश्यकता के बारे में भी कानून में स्पष्ट व्याख्या है। सरकार इस बात का ध्यान भी रखेगी कि लोग इन पवित्र नगरों में शराब का अवैध कारोबार न कर सकें। ऐसा करने वालों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नशामुक्ति की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम
इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. यादव का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा नशामुक्ति की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया है । शुरूआत इसकी जन-आस्था और धार्मिक दृष्टि से श्रृद्धा के 19 नगरीय क्षेत्र एवं ग्राम पंचायतों में प्रभावशाली रूप से हो रही है। जिन धार्मिक स्थान पर शराब बंदी का निर्णय लिया उसमें एक नगर निगम, छह नगर पालिका, छह नगर परिषद और छह ग्राम पंचायतें हैं।

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एक अप्रैल, 2025 से शराबबंदी
जिन प्रमुख पवित्र नगरों में शराबबंदी लागू की जा रही है, उनमें बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन, प्रदेश की जीवन रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी का उद्गम स्थल अमरकंटक, महेश्वर, ओरछा रामराजा मंदिर क्षेत्र, ओंकारेश्वर, मंडला में सतधारा क्षेत्र, मुलताई में ताप्ती उद्गम क्षेत्र, पीतांबरा देवीपीठ दतिया, जबलपुर भेड़ाघाट क्षेत्र, चित्रकूट, मैहर, सलकनपुर, सांची, मंडलेश्वर, वान्द्रावान, खजुराहो, नलखेड़ा, पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र मंदसौर, बरमान घाट और पन्ना शामिल हैं। एक अप्रैल, 2025 से इन सभी क्षेत्र में पूर्ण शराब बंदी रहेगी।

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