भगवान महाकालेश्वर आज पांच स्वरूपों में देंगे दर्शन, निकलेगी सवारी

भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आज श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। रात 12 बजे से ही मंदिर में श्रद्धालु लम्बी कतारों में लग गए थे। तड़के 2ः30 बजे पट खुलते ही महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के जयकारों से गूंज उठा। बाबा महाकाल को तड़के भस्म आरती में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन कर भस्म अर्पित की गई। इसके बाद भांग, चंदन और आभूषणों से राजा स्वरूप में दिव्य शृंगार कर आरती की गई।

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श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में आज श्रावण मास के पांचवें सोमवार को उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर की पांचवीं सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। इस दौरान भगवान पांच स्वरूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। भगवान महाकाल चांदी की पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नंदी पर उमा-महेश तथा डोल रथ पर होलकर रूप में विराजित होकर नगर का भ्रमण करेंगे और अपनी प्रजा का हाल जानेंगे।

भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आज श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। रात 12 बजे से ही मंदिर में श्रद्धालु लम्बी कतारों में लग गए थे। तड़के 2ः30 बजे पट खुलते ही महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के जयकारों से गूंज उठा। बाबा महाकाल को तड़के भस्म आरती में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन कर भस्म अर्पित की गई। इसके बाद भांग, चंदन और आभूषणों से राजा स्वरूप में दिव्य शृंगार कर आरती की गई। तत्पश्चात भगवान के दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ, जो निरंतर जारी है। सुबह तक हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान का दर्शन कर पूजन-अर्चन किया। देर शाम तक पांच लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।

मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि शाम चार बजे भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाएगी। सवारी निकलने से पूर्व दोपहर 3ः30 बजे मंदिर के सभामंडप में भगवान चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। पश्चात भगवान नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल की टुकड़ी भगवान महाकाल की सवारी को सलामी देगी। उसके बाद सवारी कोटमोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा जल से भगवान का अभिषेक, पूजन किया जाएगा। सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

प्रशासक सोनी ने बताया कि भक्तों की भीड़ बढ़ने की संभावना है। भक्तों को 40 मिनट में दर्शन मिल सकें, इसके इंतजाम किए गए हैं। भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी पुख्ता की गई है। जिला और पुलिस प्रशासन ने अतिरिक्त कर्मचारियों और पुलिस अधिकारियों को तैनात किया है। सुबह जिन श्रद्धालुओं को भस्म आरती में अनुमति नहीं मिली, उन्हें चलित भस्म आरती से दर्शन कराए गए।

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