Madhya Pradesh Nursing college scam: सरकार का बड़ा एक्शन, अनफिट 66 कॉलेजों की मान्यता रद्द

वहीं, मध्यप्रदेश पुलिस में अपराध अनुसंधान विभाग में पदस्थ निरीक्षक सुशील मजोका को बर्खास्त कर दिया गया है।

347

Madhya Pradesh Nursing college scam: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हुए नर्सिंग कॉलेज घोटाला (Nursing college scam)  मामले में राज्य सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Mohan Yadav) ने मंगलवार को प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज के मापदंडों की पूर्ति में अनफिट पाए गए कॉलेज पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद 66 अनफिट नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। वहीं, हाईकोर्ट ने सीबीआई की जांच में फिट पाए गए 169 नर्सिंग कॉलेजों की दोबारा जांच कराने के निर्देश दिए हैं।

वहीं, मध्यप्रदेश पुलिस में अपराध अनुसंधान विभाग में पदस्थ निरीक्षक सुशील मजोका को बर्खास्त कर दिया गया है। मजोका को नर्सिंग कॉलेजों की अनियमितताओं से जुड़े प्रकरणों में जांच का दायित्व सौंपा गया था। मजोका के विरूद्ध सीबीआई-एसीबी नई दिल्ली में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इसके पश्चात उन्हें सीबीआई-एसीबी से असंबद्ध कर सेवाएं वापस कर दी गई थीं। मजोका द्वारा रिश्वत की मांग की गई थी और उनके कक्ष से दो लाख रुपये की नगद राशि भी जब्त हुई थी। भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त होने पर विवेचना के बाद उन्हें 22 मई को निलंबित कर दिया गया था। उन्हें पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया गया था।

यह भी पढ़ें- Swatantryaveer Savarkar Jayanti Special: वीर सावरकर की जयंती पर इज़राइल के महावाणिज्यदूत ने दी शुभकामनाएं

23 लोगों को आरोपित
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समय-समय पर मध्यप्रदेश पुलिस की छवि श्रेष्ठ रखने और नैतिक मापदंडों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस संदर्भ में अपराध अनुसंधान विभाग ने तथ्यों के आधार पर मजोका के विरूद्ध संविधान की धारा 311 की उप धारा 2ब के अंतर्गत उनकी सेवाएं जारी रखना जनहित की दृष्टि से उचित नहीं पाया। मजोका को मंगलवार को तत्काल प्रभाव से सेवा से पदच्युत कर दिया गया है। इससे पहले सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज को बर्खास्त किया जा चुका है। रिश्वतखोरी मामले में सीबीआई ने चार अफसरों को मिलाकर कुल 23 लोगों को आरोपित बनाया है।

यह भी पढ़ें- Lok Sabha Elections: अंतिम चरण के मतदान से पहले पीएम मोदी ने कोलकाता में किया रोड शो

30 मई को अगली सुनवाई
मध्यप्रदेश में सीबीआई की जांच में फिट पाए गए 169 नर्सिंग कॉलेजों की दोबारा जांच होगी। मप्र उच्च न्यायालय ने लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की याचिका पर यह आदेश दिया है। अदालत ने पूरी जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने को भी कहा है। याचिकाकर्ता ने ऐसे कॉलेजों की फिर से जांच कराने की मांग का आवेदन हाईकोर्ट में पेश किया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की स्पेशल बेंच ने इसे स्वीकार कर लिया। अदालत ने कहा कि दोबारा होने वाली जांच में संबंधित जिले के न्यायिक मजिस्ट्रेट भी सीबीआई के साथ मौजूद रहेंगे। इन सभी कॉलेजों के संचालक और प्रिंसिपल की उपस्थिति में जांच कराई जाएगी। मामले में अगली सुनवाई 30 मई को होगी।

यह भी पढ़ें- Swatantryaveer Savarkar Jayanti Special: स्वातंत्र्यवीर सावरकर द्वारा लिखी डायरी का हो प्रकाशन: सुभाष चंद्र कनखेड़िया

मान्यता प्रक्रिया पूरी
गौरतलब है कि हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई की जांच टीम ने मध्यप्रदेश के 600 में से 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट के अनुसार, 308 नर्सिंग कॉलेज में से 169 फिट और 66 अनफिट हैं। इनमें भोपाल के जीएमसी समेत 10 सरकारी हैं। वहीं, 73 कॉलेज मानक पूरे नहीं कर रहे हैं।याचिकाकर्ता एसोसिएशन के वकील विशाल बघेल ने बताया कि नर्सिंग काउंसिल ने सुनवाई के दौरान आवेदन पेश कर हाईकोर्ट से सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति मांगी। इस पर आपत्ति लेते हुए हमने कहा कि सरकार ने जो नए नियम बनाए हैं, वे आईएनसी (भारतीय नर्सिंग परिषद) के मानकों के हिसाब से नहीं है। इनके अनुसार मान्यता प्रक्रिया नहीं की जानी चाहिए। इस पर हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि पुराने नियमों से ही 2024-25 सत्र के लिए मान्यता प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.