Chandigarh: राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग(National Child Rights Commission) की टीम ने 5 जनवरी को पंजाब के मोहाली में बड़ी कार्रवाई करते हुए जंगल में एक मदरसा(Madrasa in the forest) चलता पकड़ा है। बताया जा रहा है कि यहां पढ़ने वाले बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक या वकील नहीं बनना चाहते। वे यहां मुफ्ती बनने के लिए पढ़ने आ रहे हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग द्वारा इस संबंध में पंजाब सरकार को नोटिस जारी(Notice issued to job government) करके रिपोर्ट मांग ली गई है।
मौलाना खुद पांचवीं पास
आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो(Commission Chairman Priyank Kanungo) के अनुसार मदरसे में पढ़ाने वाला मौलाना खुद पांचवीं पास है। हरियाणा के नूंह से गरीब मुस्लिम बच्चों को लाकर इस कड़ाके की ठंड में खुले जंगल में अस्थाई टिन शेड में रखकर औरंगजेब के जमाने की दीनी तालीम(Religious education of Aurangzeb’s era) दी जा रही है। यहां पढ़ाने वाले मौलाना ने बताया कि कनाडा जाने के इच्छुक लोग वीजा लगने बाद यहां दरगाह पर पहुंचते हैं। वह यहां जूते दान करते हैं।
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पंजाब पुलिस को कार्रवाई करने का आदेश
इस मामले में आयोग ने पंजाब पुलिस को तुरंत कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके बाद पुलिस ने सभी बच्चों के बयान दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है।